विजय देवरकोंडा ने हाल ही में हैदराबाद में सूर्या की फिल्म ‘रेट्रो’ के प्री-रिलीज इवेंट में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने विक्की कौशल और अक्षय खन्ना की नवीनतम फिल्म ‘छावा’ पर चर्चा की। विजय ने खुलासा किया कि फिल्म देखने के बाद उन्हें काफी गुस्सा आया था। इस इवेंट के दौरान जब उनसे पूछा गया कि यदि उन्हें समय में पीछे जाने का मौका मिले तो वह किससे मिलना पसंद करेंगे, तो उनका जवाब सुनकर सभी उपस्थित लोग हैरान रह गए। विजय ने कहा, “मैं ब्रिटिश को दो थप्पड़ मारना चाहता हूं। ‘छावा’ देखने के बाद मुझे गुस्सा आया है। अगर मौका मिले, तो मैं औरंगजेब को भी दो-तीन थप्पड़ मारना चाहूंगा।” उनका यह बयान सुनकर सूर्या थोड़े चौंक गए, लेकिन उन्होंने विजय की बातें मुस्कुराते हुए सुनीं।
सूर्या ने जब उसी सवाल का जवाब दिया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें अतीत में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं दिखता, जिससे वह मिलना चाहें। यह संवाद दर्शाता है कि विजय अपने मन की बातों को बिना किसी संकोच के कहने में विश्वास रखते हैं। विजय के गुस्से की वजह फिल्म ‘छावा’ में दिखाई गई ऐतिहासिक घटनाओं को लेकर है, जिसमें मराठा साम्राज्य के वीर सैन्य नेता संभाजी महाराज की कहानी को दर्शाया गया है। विक्की कौशल इस फ़िल्म में संभाजी का किरदार निभा रहे हैं, जबकि अक्षय खन्ना ने औरंगजेब की भूमिका निभाई है।
विजय देवरकोंडा ने इस इवेंट में अपनी आगामी परियोजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उन्हें आखिरी बार 2024 में आने वाली फिल्म ‘द फैमिली स्टार’ में देखा जाएगा। इस फिल्म में उनकी सह-कलाकार मृणाल ठाकुर हैं, और इसे मिले-जुले रिव्यू मिले हैं। इसके अलावा, उन्होंने प्रभास, दीपिका पादुकोण और अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ में भी कैमियो किया, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया।
इसके साथ ही, विजय वर्तमान में राहुल संकृत्यान के निर्देशन में एक नई फिल्म पर काम कर रहे हैं, जिसका शीर्षक अभी तय नहीं हुआ है। उनकी फिल्में हमेशा दर्शकों के दिलों में खास स्थान पाती हैं और विजय की एक अलग पहचान बनती जा रही है। ‘छावा’ फिल्म ने विशेषकर ऐतिहासिक बायोपिक के शौकीनों के बीच काफी चर्चा पैदा की है और इसमें विक्की कौशल का प्रदर्शन प्रशंसा का पात्र बना है।
इस प्रकार, विजय देवरकोंडा का यह बयान उनकी उत्साही और स्पष्ट विचारधारा को दर्शाता है, और यह भी कि वे अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में ओजस्विता के साथ जीने में विश्वास करते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि विजय का यह साहसिक दृष्टिकोण उन्हें हमेशा अद्वितीय बनाता है।