उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है, जिसका आकार 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ रुपये है। यह आंकड़ा पिछले बजट से लगभग 9.8 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, इस बजट में नए राजस्व स्रोतों या योजनाओं की कोई बड़ी घोषणाएं नहीं की गई हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बजट को “सनातन को समर्पित” बताया है, जो अगले विधानसभा चुनाव-2027 की तैयारी को दर्शाता है। बजट में उल्लेखनीय उपायों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का मानदेय 16 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने की योजना है, जिसका लाभ 9 लाख कर्मचारियों को मिलेगा। इसके अलावा, सरकार ने उत्तर प्रदेश और सीबीएसई बोर्ड की 12वीं कक्षा की मेरिट में आने वाली छात्राओं को मुफ्त स्कूटी देने का ऐलान किया है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने एक घंटे 41 मिनट का बजट भाषण दिया, जिसमें उन्होंने श्रीरामचरितमानस की चौपाई से शुरुआत की। उन्होंने अपने भाषण के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) पर व्यंग्य करते हुए 8 शायरी का प्रयोग किया, जिससे सदन में हंसी का माहौल बना। इस बार का बजट पेश करने में सुरेश खन्ना ने अनवरत छठी बार अपनी स्थिति बनाए रखी है, जो राज्य के लिए एक रिकॉर्ड है। बजट के दौरान उन्होंने कहा कि हर जिले में श्रमिक दिवस मनाने के लिए ‘लेबर अड्डे’ बनाए जाएंगे, जहाँ कैंटीन और टॉयलेट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। लखनऊ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी के निर्माण का भी ऐलान किया गया है, जिससे तकनीकी विकास बढ़ेगा।

विपक्षी दलों ने इस बजट को लेकर टिप्पणी की है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट को ‘बड़ा ढोल’ बताया, जिसमें पिछड़े, दलित और मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के किसान संकट में हैं और इस बजट में उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सरकार पर वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया और पूछा कि गन्ने की कीमतें क्यों नहीं बढ़ाई गई हैं।

वहीं, सपा नेता शिवपाल यादव ने सरकार को सुझाव दिया कि आगामी बजट में जुमलों से बचते हुए जनता की वास्तविक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक अच्छा बजट तैयार किया जाए। बसपा प्रमुख मायावती ने भी बजट की आलोचना की, यह कहते हुए कि यह महंगाई, बेरोजगारी, और गरीबी को दूर करने में असफल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का मुख्य दायित्व करोड़ों परिवारों की दरिद्रता को समाप्त करना है, लेकिन बजट में इसका कोई प्रमाण नहीं दिखता।

अंत में, यह बजट प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन विपक्ष की आलोचनाओं से यह स्पष्ट होता है कि कई क्षेत्रों में अभी भी सुधार की आवश्यकता है। सरकार को जनता की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए अपने बजट में और अधिक सार्थक योजनाओं को शामिल करना चाहिए ताकि आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जा सके।

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