उत्तर प्रदेश में बाराबंकी से बहराइच तक एक अत्याधुनिक डिजिटल हाईवे के निर्माण की योजना का आगाज होने जा रहा है। यह हाईवे लगभग 101 किलोमीटर लंबा होगा और फिलहाल इसकी स्थिति टू-लेन की है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ऑफ इंडिया (NHAI) की ओर से इसे चार लेन में परिवर्तित करने की तैयारी की जा रही है, जिससे यातायात की समस्या का समाधान हो सकेगा। इसके निर्माण में अनुमानित लागत 3,000 करोड़ रुपये होगी और इसका उद्घाटन 2028 में होने की संभावना है। भविष्य में इसे नेपाल की सीमा तक, रुपईडीहा तक विस्तारित करने की भी योजना है, जिससे नेपाल और लखनऊ के बीच संचार व्यवस्था में सुधार होगा।
NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सौरभ चौरसिया के अनुसार, वर्तमान में इस मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ गया है। प्रतिदिन लगभग 25,000 से 30,000 वाहनों की आवाजाही होती है, जिसके कारण अक्सर जाम और दुर्घटनाएं होती हैं। इसके अलावा, 100 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब तीन घंटे से अधिक का समय लग जाता है। वृहद दृष्टि में, बहराइच से रुपईडीहा की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है, जहाँ अभी भी ट्रैफिक की जोरदार चुनौती बनी हुई है। इस हाईवे को अपने डिजिटल स्वरूप में न केवल टिकाऊ बनाए रखा जाएगा, बल्कि इसमें आधुनिक तकनीकों का समावेश भी होगा।
यह हाईवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की तर्ज पर डिज़ाइन किया जाएगा, जिसमें एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी निगरानी और एआई टैक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। इस हाईवे पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या दुर्घटनाओं की सूचना तुरंत ही कंट्रोल रूम में जनरेट हो जाएगी। इसके साथ ही, मार्ग पर चलते समय वाहन चालकों को अलर्ट करने के लिए स्मार्ट डिवाइस और सेंसर आधारित लाइट्स की व्यवस्था की जाएगी। यह आधुनिकता न केवल यात्रा को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि यात्रा के समय को भी कम करेगी।
H इसलिए, इस हाईवे का निर्माण लखनऊ से बाराबंकी तक पहले चरण में शुरू होने वाला है, जिसका संचालन टेंडर प्रक्रिया के बाद 2025 से शुरू किया जाएगा। इस पूरी परियोजना को तीन हिस्सों में विभाजित किया जाएगा। पहले फेज में बाराबंकी से रामनगर तक का रास्ता शामिल होगा, जबकि दूसरे फेज में रामनगर से जरवल तक की यात्रा शामिल की जाएगी। अंत में, तीसरा फेज जरवल से बहराइच तक का होगा। इस प्रकार, इस डिजिटल हाईवे का लक्ष्य न केवल यातायात को सुगम बनाना है, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है।
इस नए हाईवे के साथ, उत्तर प्रदेश में आधुनिकता की एक नई लहर दौड़ेगी, जो न केवल लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी को सरल बनाएगी, बल्कि इसकी टेक्नोलॉजी भी क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी। व्यापार, आवागमन और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ, यह हाईवे स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को भी सुधारने में सहायता करेगा।