उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। आज भी सत्र के हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की तैयारी में हैं। समाजवादी पार्टी ने विधानसभा में मंगलवार को प्रदेश में बाढ़ की स्थिति और महंगाई के मुद्दे को लेकर हंगामा कर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। विपक्ष की ओर से उत्तर प्रदेश नागर स्थानीय स्वायत्त शासन विधि संशोधन अध्यादेश 2023 और उत्तर प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2023 का भी विरोध और सवाल खड़े किए जा सकते है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल का 7 अगस्त से मानसून सत्र शुरू हुआ। यह मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। आज सदन का दूसरा दिन है। विपक्ष ने सरकार को घेरने की तैयारी की है और दूसरी तरफ सरकार ने विपक्ष के सवालों के जवाब देने की तैयारी की है। सूत्रों के मुताबिक सपा उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अध्यादेश-2023 (द्वितीय एवं तृतीय संशोधन) पर भी सवाल खड़े कर सकती है। इससे पहले यूपी विधानसभा सत्र का पहला दिन एक-दूसरे पर किए गए निजी हमलों के नाम भी रहा। सत्ता और विपक्ष के नेताओं ने एक-दूजे पर जवाबी हमले किए। सदन में अतीक और अशरफ सहित 12 पूर्व विधायकों को दी गई श्रद्धांजलि दी गई। वहीं चार विधायकों का जन्मदिन भी मनाया गया।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अतीक अहमद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘अतीक अहमद का 15 अप्रैल 2023 को निधन हो गया। 61 वर्षीय अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को प्रयागराज में हुआ था। उन्होंने हाई स्कूल तक शिक्षा ग्रहण की थी। अतीक अहमद ने वर्ष 1989, 1991 और 1993 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में जीत दर्ज की. 1996 में सपा और 2002 में अपना दल के टिकट पर इलाहाबाद पश्चिम से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. अतीक अहमद विधानसभा की लोक लेखा समिति के सदस्य थे. वर्ष 2004 में लोकसभा सदस्य के तौर पर निर्वाचित होकर संसद की दहलीज पर कदम रखा।’’ अतीक-अशरफ के अलावा सदन में अन्य पूर्व सदस्यों सत्तार अहमद अंसारी, अमर सिंह, प्रेम प्रकाश सिंह, सुजान सिंह बुंदेला, शारदा प्रसाद शुक्ला, हरिशंकर तिवारी, अवनीश कुमार सिंह, हरिद्वार दुबे और अबरार अहमद को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मणिपुर हिंसा पर निंदा प्रस्ताव की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने सोमवार को सत्र में भारी हंगामा किया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के स्थगित कर दी गयी। विधानसभा में दिवंगत पूर्व सदस्यों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मणिपुर हिंसा को लेकर सदन में निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की जिसे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह कहते हुये अस्वीकार कर दिया कि सदन में प्रदेश से संबंधित समस्याओं पर ही चर्चा की जा सकती है। इस पर सपा के अलावा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और कांग्रेस के सदस्य शोर शराबा करने लगे और बेल पर आकर नारेबाजी करने लगे। सपा सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी जिस पर बेरोजगारी, किसानों की समस्या, भ्रष्टाचार को लेकर नारे लिखे थे।