उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पोषण अभियान स्वस्थ और एक समर्थ भारत की नींव है।

एक समय प्रदेश में शराब माफिया पोषाहार की सप्लाई करता था। मुख्यमंत्री मंगलवार को लोकभवन में राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुपोषण से लड़ने को व्यापक अभियान प्रारंभ करने के लिए पूरे देश को प्रेरित किया है। इस दिशा में विगत छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में काफी कार्य हुए हैं।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब इंसेफेलाइटिस से पूरे प्रदेश में प्रतिवर्ष 1200-1500 मौतें होती थीं। पूर्वी उत्तर प्रदेश इस बीमारी से खासा प्रभावित था। 1977 से लेकर 2017 तक प्रदेश में लगभग 50,000 बच्चे इसकी चपेट में आकर काल कलवित हो चुके थे। हमारी सरकार ने एक नया मैकेनिज्म बनाया, जिससे महिला स्वयंसेवी समूह आंगनबाड़ी केंद्रों तक पोषाहार पहुंचा रही हैं। इसी का नतीजा है नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है।

सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद हमने केंद्र सरकार के साथ 2018 में अंतर्विभागीय समन्वय बनाकर इंसेफेलाइटिस के उन्मूलन का कार्य शुरू किया। आज पूरे प्रदेश से इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने में हम सफल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में मातृ और शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है। ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि माताओं और शिशुओं को पोषण आहार मिलना शुरू हुआ।

सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार आंगनबाड़ी केंद्र, न्याय पंचायत और ब्लॉक स्तर पर स्वस्थ बालक और बालिका प्रतिस्पर्धा का आयोजन करेगी। हम सबको 2027 तक भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना है।

कार्यक्रम में सीएम योगी ने 155 करोड़ रुपये की लागत से 1,359 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण/शिलान्यास किया। साथ ही 50 करोड़ रुपये की लागत से 171 बाल विकास परियोजना कार्यालयों का शिलान्यास हुआ। इसके अलावा सीएम ने 2.90 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं को यूनिफॉर्म (साड़ी) हेतु डीबीटी के माध्यम से 29 करोड़ की धनराशि का अंतरण किया।

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