लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सिंघम बन रहे पुलिस कप्तानों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, प्रदेश में फिर से कानून व्यवस्था की बैठक में पुरानी व्यवस्था बहाल की गई है। अब डीएम की अध्यक्षता में कानून व्यवस्था की बैठक होगी, यूपी के 66 जिलों में डीएम कानून व्यवस्था की बैठक लेंगे। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा की अगुआई में हुई बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया है. इसको लेकर आदेश की एक प्रति सभी जिलों को जारी कर दी गई है।
आपको बता दें कि 2015 में भी इस मुद्दे को लेकर विवाद हुआ था। लेकिन अब योगी सरकार को इस बात की आवश्यकता महसूस हुई है कि जिलों की कमान जिलाधिकारियों को सौंप दी जाए। जिसके बाद योगी सरकार ने यह निर्णय लिया है। अब बिना जिलाधिकारी की मंजूरी के थानाध्यक्ष पोस्ट नहीं होगा। पहले पुलिस अधीक्षक ही थानों में थाजाध्यक्ष की नियुक्ति करते थे। लेकिन अब उन्हें डीएम की अनुमति लेनी होगी। जिससे जिलों में अपने आपको तो समझने वाले पुलिस अधीक्षकों को बड़ा झटका लगा है। जारी किए गए नये आदेश के मुताबिक जिलों में डीएम साहब ही सुपर बाँटा होंगे, उनकी परमीशन के बिना कानून व्यवस्था को लेकर कोई फैसला अब पुलिस कप्तान नहीं ले पाएंगे।
जारी हुआ ये आदेश
जिन जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू नहीं है, उन जनपदों में कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक पुलिस लाइन पर की जाएगी। जिसमें जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक अनंद जिलाधिकारी (प्रस) अपर पुलिस अधीक्षक पुलिस उपाधीक्षक, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी डीजीसी एवं सभी थानाध्यक्ष प्रतिभाग करेंगे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक द्वारा कानून व्यवस्था की बैठक स्वयं के स्तर पर जिलाधिकी की बैठक से पूर्व कर ली जाए।