चेस चैंपियन अव्याना व अद्विका ढिल्लो को विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने किया सम्मानित
हमें बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए हार का डर मन से निकालना होगा : जिलाधिकारी
देवरिया, 2 मई (हि.स.)। सीतापुर में आयोजित उत्तर प्रदेश शतरंज चैंपियनशिप 2025 में जिले की दो होनहार बालिकाओं अव्याना ढिल्लो एवं अद्विका ढिल्लो ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देवरिया का गौरव बढ़ाया। इस उपलब्धि के लिए दोनों बाल प्रतिभाओं को जिला ओलंपिक संघ के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में सदर विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी ने शुक्रवार काे सम्मानित किया।
सदर विधायक ने कहा कि अव्याना और अद्विका की यह उपलब्धि जिले के लिए गर्व का क्षण है। इतनी कम उम्र में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है, वह उनके उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। दोनों बेटियों में देश-दुनिया में प्रदेश और जिले का नाम रोशन करने की पूरी क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में खेलों के लिए उत्तम वातावरण तैयार किया गया है, जिससे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के बेहतरीन अवसर मिल रहे हैं।
मां एवं जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कहा कि बच्चों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करते देखना हर अभिभावक के लिए सबसे बड़ी खुशी होती है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए वह ईश्वर की आभारी हैं और यह सम्मान बच्चों को भविष्य में और बेहतर करने की प्रेरणा देगा। उपस्थित बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए हार का डर मन से निकालना होगा। निरंतर अभ्यास ही सफलता की कुंजी है। छोटी-छोटी असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि हार के बाद जीतने वाला ही सच्चा विजेता होता है। दोनों बच्चियों के पिता गगनदीप सिंह ढिल्लो ने बच्चियों की उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि ये उनके लिए गौरव का क्षण है।
इस सम्मान समारोह में जिला क्रीड़ा अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव, जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष संजय कनोडिया, सचिव अजय जायसवाल, उपाध्यक्ष राहुल मणि त्रिपाठी उपस्थित रहे।
चार माह पूर्व ही सीखा है शतरंजउल्लेखनीय बात यह है कि अव्याना ढिल्लो और अद्विका ढिल्लो ने महज चार माह पहले ही शतरंज खेलना शुरू किया है। इतने कम समय में दाेनाें नेबड़ी उपलब्धि हासिल की है। अव्याना ढिल्लो ने अंडर-7 वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तर पर जिले का परचम लहराया। वहीं अद्विका ढिल्लो ने अंडर-9 वर्ग में प्रदेश में पांचवां स्थान प्राप्त किया। यह दोनों बच्चियों का पहला राज्य स्तरीय टूर्नामेंट था।
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