वैदिक मंत्राेच्चार के साथ खुले उच्च हिमालय क्षेत्र में स्थित चतुर्थ केदार रूद्रनाथ के कपाट

गोपेश्वर, 18 मई (हि.स.)। पंच केदारों में से एक चतुर्थ केदार भगवान श्री रूद्रनाथ के कपाट रविवार को ब्रह्ममुहूर्त में वैदिक मंत्रोचार एवं धार्मिक रीतिरिवाजों के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। मुख्य पुजारी सुनील तिवारी ने विधि विधान से श्रद्धालुओं की मौजूदगी में कपाट खोलने की प्रक्रिया सम्पन्न की। अगले छह माह तक भगवान रूद्रनाथ यही विराजमान रहेंगे।

समुद्र तल से 3,600 मीटर (11,800 फीट) की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुखारविंद की पूजा होती है। कपाट खुलने के साथ ही ग्रीष्म काल में छह माह तक रुद्रनाथ में ही भगवान शिव की नियमित पूजा-अर्चना की जाती है। शीतकाल में भगवान की पूजा गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर में की जाती है। रूद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर सैकड़ों की तादात में श्रद्धालुओं ने भगवान रूद्रनाथ के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया।

गौरतलब है कि भगवान रूद्रनाथ की उत्सव डोली अपने शीतकाली प्रवास स्थल गोपीनाथ मंदिर से शुक्रवार को उच्च हिमालयी क्षेत्र रूद्रनाथ के लिए रवाना हुई थी। गुरूवार को भगवान रूद्रनाथ की उत्सव डोली पुल्न बुग्याल में रात्रि प्रवास के लिए रूकी तथा दूसरे दिन शनिवार को पूजा अर्चना के बाद सांय काल को रूद्रनाथ पहुंच गई थी। रविवार को ब्रह्म मुहुर्त में वैदिक मंत्रोंचार के साथ छह माह के लिए भगवान रूद्रनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गये है।

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