मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की चेतावनी दी थी लेकिन शायद पुलिस माफियाओं के साथ-साथ भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी मिट्टी में मिलाने पर आमादा है। रोज किसी ना किसी जिले से खबर आती है कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने प्रताड़ित किया है। रही बात माफियाओं की, माफिया जेल में रहते हुए भी हत्या करा रहे हैं और जेल में उन्हें ‘फाइव स्टार’ सुविधा मिल रही है, वे जेल में अपनी पत्नियों के साथ हनीमून मना रहे हैं, जिसके चलते पहले बांदा जेल के कई जेल अधिकारी गिरफ्तार किये गए थे और मंगलवार को भी तीन जेल अधीक्षकों को सस्पेंड किया गया है।
ताजा मामला मुजफ्फरनगर का है, यहां पुरकाजी के मंडल अध्यक्ष हैं मनोज जोधा। मनोज जोधा भारतीय जनता पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं। 8 मार्च को मनोज जोधा के भाई पवन सिंह के साथ पुरकाजी थाना इलाके में शकरपुर गांव के पास एक लूट की वारदात हो गई थी, 14 मार्च तक तो एफआईआर भी नहीं लिखी गयी और घटना को लगभग 28 दिन हो गए है, इसमें अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मनोज जोधा के मुताबिक, उसने उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला समेत सभी को अपने साथ हुई घटना की पूरी जानकारी दे दी थी लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद मनोज जोधा ने एसएसपी संजीव सुमन से मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्या बताई। एसएसपी ने एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा।
मनोज जोधा ने बताया कि एसएसपी के निर्देश पर एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत रविवार शाम करीब 5:00 बजे पुरकाजी थाने पहुंचे, उनके पास थाने में लूट की घटना में नामजद कराए हुए आरोपियों के परिजन भी बैठे हुए थे। मनोज के मुताबिक, एसपी सिटी ने मनोज की घटना को फर्जी बताते हुए उन्हें बुरी तरह अपमानित किया और उन्हें मां बहन की गालियां दी। साथ ही किसी मुकदमे में जेल भेज देने की धमकी दी। मनोज ने घटना के तीन गवाह बताये थे, जिन्हे भी थाना प्रभारी ज्ञानेश्वर बौद्ध ने आरोपियों के माध्यम से ही थाने में पूछताछ करने बुलाया था।
एसपी द्वारा धमकाये जाने पर मंडल अध्यक्ष बुरी तरह आहत हो गए और उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें हार्ट अटैक आ गया। भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष को हार्टअटैक आने के बाद एक स्थानीय पत्रकार उन्हें पुरकाजी में ही डॉक्टर महावीर के क्लीनिक ले गए जिसके बाद सीएससी ले जाया गया, जहां से जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया गया। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराये जाने की सूचना पर भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला, पूर्व विधायक अशोक कंसल, अनुसूचित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिद्धार्थ समेत सभी भाजपा नेता हाल-चाल लेने अस्पताल पहुंचे लेकिन कोई कार्यवाही अब तक इस मामले में नहीं हुई।
इससे आहत होकर मंडल अध्यक्ष ने जब तक एसपी के खिलाफ कार्यवाही नहीं होती है, तब तक अपने गांव वापस ना जाने की घोषणा कर दी है। उन्होंने एसपी के खिलाफ कार्रवाई न होने पर आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की है। मनोज जोधा ने बताया कि 2 दिन में यदि शासन-प्रशासन द्वारा उन्हें न्याय न दिया गया और एसपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई तो पशु मेले के तत्काल बाद जिले के सभी मंडल अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय या जिला स्तर पर किसी अन्य स्थान पर धरना देंगे और उस पर भी कार्रवाई नहीं हुई तो वे स्वयं आमरण अनशन पर बैठेंगे और उनका आमरण अनशन तभी समाप्त होगा जब एसपी के खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी।
इस संबंध में एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत का कहना है कि उन्हें लूट की घटना की जानकारी मिली थी, जिसकी जांच करने वे पुरकाजी थाने गए थे, लेकिन तथ्यों की जांच में घटना फर्जी पाई गई है। उन्होंने कहा कि मनोज जोधा के भाई द्वारा जो मुकदमा लिखवाया गया है, उसमें कहीं भी तथ्य इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं कि लूट की वारदात हुई है। जब उनसे पूछा गया कि भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष धरना और आमरण अनशन की बात कह रहे हैं, तो इस पर एसपी सिटी ने कहा कि यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है, पुलिस अपनी कार्यवाही निष्पक्षता से कर रही है।
जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला ने बताया कि पूरा मामला उनके संज्ञान में है, मंत्री कपिल देव अग्रवाल को भी पूरे मामले की जानकारी है, पार्टी के पूर्व विधायक प्रमोद ऊंटवाल समेत सभी नेता मंडल अध्यक्ष के संपर्क लगातार में हैं। कार्यकर्ताओं का सम्मान हमारी प्राथमिकता में है, पार्टी कार्यकर्ता के सम्मान की हर हालत में रक्षा की जाएगी।