जिले के विभिन्न थानों में कार्यरत 29 दागी सिपाहियों को पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास कुमार ने लाइन हाजिर कर दिया है। एसपी की इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। एसपी विकास कुमार ने कार्यों में शिथिलता बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ गोपनीय जांच कराई थी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने उन पर कार्रवाई भी शुरू कर दी। सोमवार रात एसपी ने दो चालकों समेत 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। इसमें दो हेड कांस्टेबल भी शामिल हैं।
देर रात मऊ दरवाजा थाने के जीप चालक दिनेश त्रिपाठी, सिपाही आशू कुमार, धर्मेंद्र सिंह, कादरीगेट थाने के सिपाही योगेश कुमार, गौरव कुमार, नेतराम सिंह, अनुज कुमार, कोतवाली फतेहगढ़ में तैनात सिपाही नरेश कुमार, प्रह्लाद, जहानगंज के सिपाही नईम खां, अंकित कुमार, कुलदीप, मनोज कुमार, कमालगंज के धर्मेंद्र चौधरी, कुणाल, मोहम्मदाबाद के सिपाही रामलखन, तरुण कुमार, सुनील रौतेला, हेडकांस्टेबल अशोक कुमार, विनोद कुमार व सिपाही सौरभ धीमान, नवाबगंज थाने के सिपाही रवी कुमार, कायमगंज के सिपाही राजकुमार, कंपिल के सूरज कुमार, अवधेश कुमार, शमसाबाद के करतार सिंह, मोहन लाल, मेरापुर संतोष कुमार, राजेपुर के जीप चालक रामकिशोर को लाइन कर दिया गया।
एसपी विकास कुमार ने बताया कि यह अभियान की शुरुआत है। अभी और ऐसे पुलिसकर्मियों की छटनी की जा रही है। जिनके विरुद्ध भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायतें मिल रही है। उनके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने कहा कि कानून व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए यह पहला कदम उठाया गया है और यह अभियान जारी रहेगा।