उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पुलिस महकमे में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एसपी अजय पाल शर्मा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साथ 11 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया। एसपी ने पालपोर्ट के सत्यापन और उसके निजीकरण को लेकर थाने में होने वाली लापरवाही के चलते यह एक्शन लिया है।

जानें पूरा मामला 
मंगलवार रात पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने जिले के विभिन्न थानों के पासपोर्ट रजिस्टर का अवलोकन किया। जांच में सामने आया कि पासपोर्ट रजिस्टर में आवेदकों का मोबाइल नंबर दर्ज नहीं किया गया था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि कोई जांच पड़ताल न कर सके। जबकि पूर्व में इस संबंध में अजय पाल शर्मा ने कई बार स्पष्ट रूप से निर्देश भी दिया था। उन्होंने कहा था कि थाने में रखे गए रजिस्टर में आवेदकों का नाम, पता, मोबाइल नंबर के साथ अंकित किया जाए, ताकि वक्त आने पर संबंधित आवेदक से संपर्क करके सत्यापन किया जा सके।

मनमाने तरीके से काम करने, काम में लापरवाही बरतने और उदासीनता के आरोप में निलंबित पुलिस कर्मियों में जाफराबाद, लाइन बाजार, कोतवाली, मीरगंज, चंदवक, सिकरारा, तेजी बाजार, बक्सा, केराकत, गोराबादशाहपुर और पवारा थाना शामिल हैं। इनमें चार मुख्य आरक्षी, छह आरक्षी और एक अन्य पुलिस वाला शामिल है।

निलंबित कर्मियों के नाम
एसपी द्वारा निलंबित पुलिस कर्मियों में मुख्य आरक्षी अजय तिवारी, दिलीप कुमार, मिथिलेश कुमार सिंह, रमेश सिंह, आरक्षी पवन साहनी, अभय यादव, सत्यम सिंह, अजीत कुमार, रोहन कुमार, संदीप कुमार और विकास गुप्ता शामिल हैं।

 

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