केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर जारी आदेश में कहा है कि यह संगठन देश की अखंडता, शांति, सौहार्द और कानून व्यवस्था के लिए बहुत बड़ा खतरा है। ऐसे में यह बहुत अनिवार्य है कि इस आतंकी संगठन पर कि इस पर प्रतिबंध बरकरार रखा जाए।

मालूम हो कि इससे पहले सिमी (SIMI) को सरकार ने 2019 में पांच और वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद अब प्रतिबंध को पांच और साल के लिए बढ़ाया गया है।

केंद्र ने सोमवार को सिमी को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) 1967 की धारा 3(1) के तहत पांच साल की अवधि के लिए ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया है।

गृह मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए लिखा-“आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी)’ को यूएपीए के तहत पांच साल की अवधि के लिए ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है।”

मंत्रालय ने आगे कहा कि सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।

 

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