कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा चुनाव से पहले शनिवार को अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन पारित करने और एक व्यापक सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना कराने का वादा किया। ये वादे ‘श्रमिक न्याय’ और ‘हिस्सेदारी न्याय’ के लिए शनिवार को पार्टी द्वारा घोषित पांच अन्य गारंटियों में शामिल हैं।
खरगे ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत आने वाली गारंटी गिनाते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी एक व्यापक सामाजिक, आर्थिक व जाति जनगणना की गारंटी देती है। इसके माध्यम से सभी जातियों व समुदायों की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, राष्ट्रीय संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी और शासन से संबंधित संस्थानों में उनके प्रतिनिधित्व का सर्वेक्षण किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि यह सकारात्मक नीति देश में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। खरगे ने कहा, “कांग्रेस यह गारंटी भी देती है कि वह एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने के लिए एक संविधान संशोधन पारित करेगी…50 प्रतिशत सीमा बढ़ाकर 60, 65 की जा सकती है। तमिलनाडु की तरह, उन्होंने जो किया, हम भी करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एससी और एसटी की विशेष घटक योजना को कानून द्वारा पुनर्जीवित व लागू करने की गारंटी देती है। खरगे ने कहा कि कुछ कांग्रेस शासित राज्यों में यह कदम पहले ही उठाया जा चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी वन अधिकार अधिनियम के सभी लंबित दावों को एक साल में हल करने और खारिज किए गए दावों की छह महीने के अंदर समीक्षा के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया शुरू करने की गारंटी देती है। खरगे ने कहा, ”अपनी धरती, अपना राज” के तहत कांग्रेस लघु वन उपज के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी भी बढ़ाएगी।
पार्टी आदिवासी भाई-बहनों को स्वशासन और उनके सांस्कृतिक अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी देती है।” पार्टी ने कहा कि कांग्रेस उन सभी बस्तियों को अनुसूचित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने के लिए प्रतिबद्ध है जहां आदिवासी सबसे बड़ा सामाजिक समूह हैं। खरगे ने कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान कांग्रेस ने ‘किसान न्याय’, ‘युवा न्याय’ और ‘महिला न्याय’ के तहत 15 गारंटियों की घोषणा की है।