विकास के नाम पर घोटाला, प्रधान-सचिव के हाथ से छीने अधिकार

मीरजापुर, 27 अप्रैल (हि.स.)। विकास कार्यों में गड़बड़ी और सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला पकड़ में आने के बाद जिगना क्षेत्र के गोगांव ग्राम पंचायत में हड़कंप मच गया है। डीपीआरओ ने जांच में आरोप सही पाए जाने पर प्रधान सियादुलारी के समस्त वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार तत्काल प्रभाव से सीज कर दिए हैं। अब गांव के खातों का संचालन तीन सदस्यीय टीम करेगी।

गांव निवासी बृज बिहारी पांडेय, प्रमोद सिंह और वीरेंद्र बहादुर सिंह ने 24 सितंबर 2024 को शपथपत्र देकर प्रधान और सचिव पर विकास कार्यों में घोटाले के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद डीएम ने जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) और वाण सागर के सहायक अभियंता (प्रथम) को जांच का जिम्मा सौंपा। डीपीआरओ ने भी सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

तकनीकी टीम द्वारा किए गए स्थल निरीक्षण और जांच रिपोर्ट में शिकायतों के 75 प्रतिशत आरोप सही साबित हुए। रिपोर्ट में प्रधान और सचिव दोनों को वित्तीय अनियमितताओं का दोषी ठहराया गया। इसके बाद डीपीआरओ ने सख्त कदम उठाते हुए प्रधान के समस्त अधिकार समाप्त कर दिए और खाते संचालन पर भी रोक लगा दी।

साथ ही विस्तृत जांच के लिए डीडीओ को नोडल अधिकारी और पीडब्ल्यूडी के एई को तकनीकी अधिकारी नामित किया गया है। डीएम ने पूरे मामले की रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर मांगी है। इस कार्रवाई से गोगांव सहित आस-पास के गांवों के प्रधानों और सचिवों में भी खलबली मच गई है।

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