उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश जारी किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विभिन्न दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उसका तो पालन होगा ही होगा। पूरे विषय का अध्ययन कर सरकार की तरफ से कोर्ट में जवाब दाखिल किया जाएगा। आगे जो भी आदेश होगा, सरकार उसके अनुसार काम करेगी।

कांवड़ रूट पर नेम प्लेट लगाने के फैसले पर अंतरिम रोक लगाये जाने को लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कुछ टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन मुझे लगता है कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर नेम प्लेट लगाने की पुरानी परंपरा रही है, ये हर्ज का विषय नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। ये अच्छा फैसला है। योगी और उत्तराखंड सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा को लेकर जारी आदेश अवैध और असंवैधानिक है। ये भाजपा का मुस्लिमों के खिलाफ नफरत को दिखाता है।

दरअसल योगी और धामी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों और ढाबों पर उनके मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने का आदेश दिया था।

यूपी सरकार ने सबसे पहले आदेश जारी कर इन दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने का आदेश जारी किया था, ताकि श्रद्धालु अपनी पसंद की दुकान से सामान खरीद सकें। उसके बाद ऐसा ही आदेश उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किया।

इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने इस पर रोक लगा दी।

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