दोनों टीमें 90 मिनट के निर्धारित समय के खेल में 1-1 की बराबरी पर थी। इसके बाद 30 मिनट के अतिरिक्त समय में कोई गोल नहीं हुआ। यानि 120 मिनट के खेल तक 1-1 से बराबरी पर थीं। पेनल्टी शूटआउट के पांच शॉट के बाद भी स्कोर 4-4 था जिसके बाद सडन डेथ पर फैसला हुआ।
सडेन डेथे में नाओरेम महेश सिंह (Naorem Mahesh Singh) ने स्कोर किया और भारत के गोलकीपर गुरप्रीत संधू ने डाइव लगाकर खालिद हाजिया (Khalid Hajiya) का शॉट बचाकर टीम को जीत दिलाई। निर्धारित समय के भीतर शाबाइब अल खालिदी ने 14वें मिनट में गोल करके कुवैत (Kuwait) को बढत दिलाई थी जबकि भारत के लिए बराबरी का गोल लालियांजुआला छांगटे (Lallianzuala Chhangte) ने 39वें मिनट में दागा।
भारत ने पिछले मार्च से अब तक साढें पांच महीने में अपनी भूमि पर यह तीसरी प्रतियोगिता जीती है। मार्च में भारत ने इम्फाल में हीरो त्रिकोणीय और इसी माह भुवनेर में हीरा इंटरकॉन्टिनेंटल कप का खिताब जीता था। अब बेंगलुरु में भारत ने सैफ कप जीत लिया। गत चैंपियन भारत और कुवैत ने आखिरी ग्रुप मैच भी 1-1 से ड्रॉ खेला था ।
भारत ने दूसरी बार पेनल्टी शूटआउट में जीत दर्ज की है । इससे पहले एक जुलाई को सेमीफाइनल में लेबनान को भी पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया था । उस मैच में भी संधू न शूटआउट में जबर्दस्त प्र्दान किया था।
भारत के लिए कप्तान सुनील छेत्री, संदेश झिंगन, सुभाशीष बोस, छांगटे और महेश (Sunil Chhetri, Sandesh Jhingan, Subhasish Bose, Chhangte and Mahesh) ने गोल दागे जबकि उदांता सिंह (Udanta Singh) चूक गए। शूटआउट से पहले कुवैत का दबदबा था जिसने पहले हाफ में कई मौके बनाये।