राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमों लालू प्रसाद ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा के नेता लोकसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत मिलने पर संविधान को बदलने की बातें खुलेआम कर रहे हैं लेकिन पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसको लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
लालू ने सवाल किया कि आखिर वे अपने दल के ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं?
राजद की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, पार्टी सुप्रीमों ने कहा, ‘‘दरअसल प्रधानमंत्री डरे हुए हैं। देश में सामने रुख उजागर होने के बाद से वह हार को लेकर आशंकित हैं। इस डर को छिपाने के लिए वह भाजपा को 270 से अधिक सीटें मिलने का दावा कर रहे हैं।’’
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार संविधान बदलने की बात कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री और इनके शीर्ष नेता इन पर कुछ कारवाई करने की बजाय, उन्हें ईनाम स्वरूप चुनाव लड़वा रहे है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘ये भाजपा वाले चाहते क्या हैं? इन्हें संविधान, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और ग़रीबों से समस्या क्या है ?’’
प्रसाद ने कहा, ‘‘संविधान बदल कर ये इस देश से समता, स्वतंत्रता, बंधुता, सामाजिक न्याय और आरक्षण ख़त्म करना चाहते है। ये लोगों को आरएसएस और पूँजीपतियों का ग़ुलाम बनाना चाहते है।’’
प्रसाद ने कहा, ‘‘बार-बार संविधान बदलने की बात कर ये क्या साबित करना चाहते हैं। हमारा संविधान बाबा साहब आंबेडकर ने लिखा है….। संविधान बदलने का कोई प्रयास बर्दाश्त नहीं होगा। जो भी संविधान को बदलने का इरादा रखता है, उसकी (जनता द्वारा) आंखें निकाल ली जाएंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश की जनता माफ नहीं करेगी… ये तानाशाही लाना चाहते हैं, संविधान को बदलने का मतलब है लोकतंत्र को बदलना।’’
अपने प्रतिद्वन्द्वी नीतीश कुमार पर तंज करते हुए राजद प्रमुख ने कहा ‘‘नीतीश ने कह दिया कि राजग को 4000 वोट मिलेंगे। कुछ दिन बाद उन्होंने वही गलती दोहराई और खुद को सही बताने के लिए जबान फिसलने का दावा करते हुए माफी मांग ली।’’