भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) का ब्याज दरों को लेकर आकलन और चार-विमर्श जारी है। केंद्रीय बैंक की 4 दिसंबर से शुरू हुई तीन दिवसीय बैठक का फैसला शुक्रवार (6 दिसंबर) को जारी कर दिया जाएगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार, 6 दिसंबर को सुबह 10 बजे एमपीसी के फैसले की घोषणा करने वाले हैं।

आरबीआई ने अक्टूबर 2024 में अपनी पिछली बैठक में सतर्क आउटलुक अपनाते हुए रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला किया। हालांकि, भारत के हालिया जीडीपी ग्रोथ डेटा और मुद्रास्फीति के आंकड़ों समेत विभिन्न व्यापक आर्थिक संकेतकों के कारण ब्याज दरों के फैसले पर बारीकी से विचार विमर्श किया जाएगा।

अक्टूबर में भारत की ग्रोस महंगाई दर 14 महीने के उच्च स्तर 6.2 प्रतिशत पर पहुंच गई और उसने मौद्रिक नीति समिति द्वारा तय 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा को पार कर दिया। अक्टूबर में महंगाई दर के आंकड़े सितंबर के 5.49 प्रतिशत से ऊपर हैं, जो मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 10.87 प्रतिशत रहने की वजह से हुआ है।

वहीं, जुलाई-सितंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार में तेज गिरावट दर्ज की गई है। इस तिमाही में GDP विकास दर 5.4% रही, जो पिछले 7 तिमाहियों में सबसे धीमी है। यह पिछली तिमाही के 6.7% के मुकाबले काफी कम है। सकल मूल्य वर्धित (GVA) ग्रोथ भी घटकर 5.6% रह गई, जो पिछले साल इसी तिमाही में 7.7% थी।

 

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