भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को दो प्रमुख बैंकों – ड्यूश बैंक एजी और यस बैंक – पर मौद्रिक जुर्माना लगाया है। ड्यूश बैंक एजी पर जहां 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, वहीं यस बैंक पर 29.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। यह कार्रवाई इन बैंकों द्वारा कुछ महत्वपूर्ण नियमों का उल्लंघन करने के कारण की गई है।

ड्यूश बैंक एजी पर जुर्माना
भारतीय रिजर्व बैंक ने ड्यूश बैंक एजी, इंडिया पर जुर्माना लगाने का कारण बताया कि बैंक ने उधारकर्ताओं की क्रेडिट जानकारी को केंद्रीय रिपॉजिटरी ऑफ इनफॉरमेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स (CRILC) को रिपोर्ट नहीं किया था। CRILC, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचालित एक केंद्रीय भंडार है जिसमें बड़े ऋणों की जानकारी रखी जाती है, ताकि जोखिम को सही तरीके से समझा जा सके। RBI के अनुसार, ड्यूश बैंक ने इस रिपोर्टिंग प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिस कारण उसे 50 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ा।

यस बैंक पर जुर्माना
वहीं, यस बैंक पर जुर्माना लगाने की वजह यह थी कि उसने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने वार्षिक वित्तीय विवरण में ग्राहकों की शिकायतों की पूरी और सही जानकारी का खुलासा नहीं किया। रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी बैंकों को अपने वित्तीय विवरणों में पूरी पारदर्शिता बरतनी होती है, लेकिन यस बैंक ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते बैंक पर 29.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

आरबीआई का बयान
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 47A(1)(C) के तहत लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि इस जुर्माने का उद्देश्य बैंकों द्वारा किए गए लेनदेन की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है। इसका उद्देश्य केवल विनियामक अनुपालन में कमियों को दूर करना है, ताकि बैंकों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार किया जा सके।

अन्य बैंकों पर जुर्माना
हाल ही में, 15 मई को आरबीआई ने तीन सहकारी बैंकों पर भी जुर्माना लगाया था। इनमें कर्नाटक सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 2 लाख रुपये, मैंगलोर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक पर 1 लाख रुपये और शिमोगा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

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