लाल डायरी को लेकर राजस्थान सहित पूरे देश में चर्चा में आए राजस्थान सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा आखिरकार शिवसेना पार्टी में शामिल हो गए। महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने गुढ़ा गांव में उनका स्वागत किया। यह पांचवीं बार उन्होंने दल बदला है। राजेन्द्र गुढ़ा मौजूदा वक्त उदयपुरवाटी से विधायक हैं। पिछले दो दिनों से यह मामला गरमाया हुआ था। राजनीतिक पार्टियां और जनता दोनों अटकलें लगा रही थी कि, वह फिर किसी नई पार्टी का हाथ पकड़ने वाले हैं। शिवसेना पार्टी इसमें प्रमुख थी। चर्चाओं ने उस वक्त जोर पकड़ लिया जब महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे उनके बेटे शिवम के 18वें जन्मदिन पर राजेन्द्र गुढ़ा के गांव गुढ़ा पहुंचने वाले थे। पर अब सभी अटकलों पर विराम लगा गया। महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में राजेन्द्र गुढ़ा ने शिवसेना पार्टी (एकनाथ शिंदे) को ज्वाइन कर लिया।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, राजस्थान में शिवसेना अच्छे ढंग से काम करेगी। हम राजनीति कम कर रहे हैं, और काम ज्यादा कर रहे हैं। इसी तरह से हम यहां भी काम करेंगे। आप सभी को साथ मिलकर आगे बढ़ना है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा हमारी महाराष्ट्र की सरकार विकास कार्य कर रही है, यहां भी विकास के कई द्वार हैं लेकिन कुछ लोगों का निजी स्वार्थ है। राज्य की जनता का विकास छोड़कर जब लोग खुद का विकास करने लगते हैं तो राज्य का विकास नहीं होता है…इस राज्य में बहुत क्षमता है।
सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, आपका सीएम, राजेन्द्र गुढ़ा से डर गया। इस दौरान एकनाथ शिंदे ने क्षेत्रवासियों को 5 एंबुलेंस का तोहफा दिया।
राजेंद्र गुढ़ा हमेशा से मौकापरस्त रहे हैं। राजेंद्र गुढ़ा ने वर्ष 2008 में बसपा के टिकट पर उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत की पताका फैलाई। पर हाथी की सवारी छोड़कर हाथ का साथ कर लिया। इसके इनाम के एवज में वह मंत्री बनाए गए। फिर वर्ष 2013 में कांग्रेस टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे पर हार गए। वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर मायावती का प्रेम जागा और वे कांग्रेस छोड़ बसपा में शामिल हो गए। जीतकर दूसरी बार विधायक बने। सबको फिर हैरान कर दिया। बसपा छोड़ कर कांग्रेस में राज्य मंत्री बन गए।