2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने सोमवार से एनडीए सांसदों के साथ मुलाकात का सिलसिला शुरू कर दिया है।

एनडीए सांसदों के साथ मुलाकात के इस सिलसिले के तहत सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के ब्रज, पश्चिम, कानपुर और बुंदेलखंड से आने वाले 42 सांसदों से मुलाकात की और फिर इसके बाद पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा से आने वाले एनडीए गठबंधन के 41 सांसदों के समूह के साथ अलग से मुलाकात की।

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक में एनडीए के 25 वर्षों के इतिहास के बारे में बताया तो वहीं सरकार की तरफ से मोदी सरकार की उपलब्धियों को लेकर प्रजेंटेशन भी दिया गया।

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के गठबंधन पर निशाना साधने के साथ-साथ अपने पुराने सहयोगी नीतीश कुमार और अकाली दल को भी याद किया।

सूत्रों के मुताबिक, एनडीए सांसदों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे जमीनी हालात को लेकर फीडबैक लिया और साथ ही चुनावी तैयारियों के मद्देनजर कई अहम निर्देश भी दिए।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने सांसदों को अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में लोकल मुद्दों पर ज्यादा फोकस करने के साथ-साथ केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों को भी जनता तक पहुंचाने को कहा। जहां-जहां राज्य में भाजपा की सरकारें है, वहां डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने को कहा गया है।

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि राम मंदिर के अलावा भी बहुत से काम हैं, जिनको जनता के बीच लेकर जाना है। उन्होंने शादी-विवाह एवं आने वाले त्योहारों का जिक्र करते हुए सांसदों को यह सलाह भी दी कि उन्हें आम जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए, शादी-विवाह के कार्यक्रमों में जाना चाहिए और त्योहारों से जुड़े कार्यक्रमों में भी सम्मिलित होकर लोगों से ज्यादा से ज्यादा संपर्क करना चाहिए।

उन्होंने सांसदों से अपने-अपने इलाके के गांव-कस्बों में जाकर प्रवास करने और लोगों से बातचीत करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि सांसदों को लोगों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

एनडीए सांसदों की बैठक में विपक्षी दलों के गठबंधन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि चोला बदलने से चरित्र नहीं बदल जाता और यूपीए तो यूपीए ही रहेगा। उन्होंने कहा कि दस साल के यूपीए सरकार के दौरान लगे दागों के कारण उन्हें नाम बदलना पड़ा, लेकिन इससे उनका चरित्र नहीं बदल जाता।

एनडीए सांसदों की बैठक में भाजपा के त्याग की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से ज्यादा एमएलए होने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया और पंजाब में अच्छी संख्या में एमएलए होने के बावजूद भाजपा ने अकाली सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद नहीं मांगा। इन दोनों उदाहरणों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए स्वार्थ नहीं त्याग की भावना से बना है।

आपको बता दें कि सोमवार से शुरू हुए एनडीए सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात का यह सिलसिला 10 अगस्त तक चलेगा। प्रधानमंत्री मोदी का 31 जुलाई से लेकर 10 अगस्त तक अलग-अलग समूहों में एनडीए के लोकसभा एवं राज्यसभा के 430 सांसदों के साथ मुलाकात करने का कार्यक्रम तय है। सांसदों के साथ मुलाकात के सिलसिले के दौरान अलग-अलग मौकों पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और नितिन गडकरी सहित सरकार के कई मंत्री मौजूद रहेंगे।

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