प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शुक्रवार) से तीन दिन के बिहार, बंगाल और झारखंड के दौरे पर है। लेकिन उनके बंगाल पहुंचने से पहले ही राज्य की सत्ता पर काबीज तृणमूल कांग्रेस में भगदड़ की स्थिती बन गई है। दरअसल, टीएमसी के प्रवक्ता और महासचिव कुणाल घोष ने बागी रुख अपना लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने बायो से तृणमूल का परिचय हटा लिया है। बताया जा रहा है कि पार्टी में हो रही अनदेखी से वो नाराज चल रहे हैं और कभी भी टीएमसी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। बता दें कि कुणाल घोष को ममता बनर्जी का काफी करीबी माना जाता है।
ममता बनर्जी के करीबी और टीएमसी के महासचिव कुणाल घोष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर से अपने बायो से तृणमूल का परिचय भी हटा लिया है। वह टीएमसी के प्रवक्ता के साथ-साथ पार्टी के महासचिव भी थे। एक्स पर अपने नए परिचय में उन्होंने खुद को एक पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है। कुणाल घोष ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर बिना किसी का नाम लिए तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के एक वर्ग पर खीझ निकालते हुए लिखा है, “अक्षम और स्वार्थी नेता, गुटबाजी में लिप्त रहते हैं और पूरे वर्ष सिर्फ अनैतिक काम करते हैं। ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के प्रति आम तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं के कारण वे चुनाव तो जीत जाते हैं लेकिन फिर से वे अपना स्वार्थ साधने लगते हैं और लोगों को चीट करने लगते हैं। ऐसा बार-बार नहीं हो सकता।”
आनंद बाजार पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, कुणाल घोष सुदीप बनर्जी से नाराज हैं और ट्वीट के जरिए उन्हीं पर निशाना साध रहे हैं। सुदीप बनर्जी सांसद हैं। उनके कुणाल घोष से रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। कहा जा रहा है कि सुदीप बनर्जी ने 10 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में जन गर्जना रैली को लेकर गुरुवार की रात पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई था लेकिन उसमें कुणाल घोष को न्योता नहीं मिला था। इस वजह से वह नाराज हो गए हैं। लोकसभा चुनावों से पहले इस रैली को टीएमसी का शक्ति प्रदर्शन कहा जा रहा है। उससे किनारे लगाए जाने के बाद कुणाल घोष ने खुद को ही पार्टी के अहम पदों से किनारा कर लिया है।