(अपडेट) हाई काेर्ट के रिटायर्ड जज ओआरओपी के आधार पर समान व पूर्ण पेंशन के हकदार : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों को समान और पूरी पेंशन देने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जजों की नियुक्ति की तिथि और उनके कार्यकाल के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा।

कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के सभी रिटायर्ड जज, चाहे वो किसी भी तारीख में नियुक्त हुए हों, पूर्ण पेंशन के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिटायर्ड चीफ जस्टिस को सालाना 15 लाख रुपये की पूरी पेंशन का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को हाई कोर्ट के सभी रिटायर्ट जजों के मामले में वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के सिद्धांत का पालन करना होगा, भले ही जजों की नियुक्ति जिला अदालत या बार हो।

कोर्ट ने कहा कि अगर किसी जज की सेवा काल के दौरान मौत होती है तो उनकी विधवा या परिवार के सदस्यों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना होगा। जज द्वारा की गई सेवा अवधि में करियर अवधि जोड़कर ग्रेच्युटी का भुगतान करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरु की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जजों के पेंशन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों को लेकर कई याचिकाओं को स्वत: संज्ञान लिए गए मामले के साथ टैग कर दिया।

रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने के पहले विभिन्न हाई कोर्ट के जजों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। विभिन्न हाई कोर्ट के जिन जजों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी उनमें जस्टिस एम विजयराघवन, जस्टिस एम सुब्रमण्यम, जस्टिस आलोक कुमार मुखर्जी, जस्टिस सुरेंद्र कुमार, जस्टिस विकास कुंवर श्रीवास्तव, जस्टिस राजेंद्र कुमार, जस्टिस हेत सिंह और जस्टिस अजीत सिंह शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

—————

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights