देश की अखंडता के लिए ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ अनिवार्य
-भाजपा महिला मोर्चा की संगोष्ठी में वक्ता बोले, बार-बार चुनाव से थमता है विकास का पहिया
वाराणसी, 21 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की ओर से सोमवार को गुलाब बाग, सिगरा स्थित पार्टी कार्यालय में “एक राष्ट्र – एक चुनाव” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। पार्टी के महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि के मार्गदर्शन में संगोष्ठी के मुख्य वक्ता, भाजपा महानगर महामंत्री जगदीश त्रिपाठी ने कहा कि देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए ‘एक साथ चुनाव’ की नीति अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि बार-बार चुनाव होने से न केवल विकास कार्य बाधित होते हैं, बल्कि इससे देश के आर्थिक संसाधनों पर भी भारी बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि एक चुनाव में जितना खर्च होता है, वह लगभग देश के शिक्षा बजट के आधे के बराबर होता है। उन्होंने कहा कि आपातकाल और समयपूर्व विधानसभा व लोकसभा विघटन ने ‘एक साथ चुनाव’ की परंपरा को तोड़ दिया। उन्होंने एक साथ चुनाव के अनेक लाभों की चर्चा करते हुए इसे समय की मांग बताया। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. रचना अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार के दौरान अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग पर प्रकाश डाला, जिसमें करीब 90 राज्य सरकारों को भंग किया गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीतिक अस्थिरता ने एक साथ चुनाव की व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया। महिला मोर्चा की क्षेत्रीय अध्यक्ष नम्रता चौरसिया ने कहा कि ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ से सरकारी संसाधनों की अनावश्यक बर्बादी रुकेगी और प्रशासनिक कार्यों में निरंतरता बनी रहेगी।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महिला मोर्चा अध्यक्ष एवं पार्षद कुसुम सिंह पटेल ने पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की और राष्ट्रीय एकता की रक्षा पर जोर दिया। गोष्ठी का संचालन महामंत्री प्रज्ञा पांडेय, धन्यवाद ज्ञापन जिला अध्यक्ष विनीता सिंह ने दिया। गोष्ठी में महानगर मीडिया प्रभारी किशोर सेठ, पूजा दीक्षित, मंजू सिंह, मीरा गुप्ता, आरती पाठक, साधना पांडेय, रिचा सिंह, नेहा कक्कड़, मीडिया प्रभारी अनीशा शाही, उषा अग्रहरि, रेनू द्विवेदी, सीमा ओझा, किरण मिश्रा, सोनिया जैन, मुमताज बानो आदि की उपस्थिति रही।