प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि अविश्‍वास प्रस्ताव भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के लिए भाग्यशाली है, क्योंकि शक्ति परीक्षण एनडीए के लिए नहीं, बल्कि विपक्ष के लिए है, जिसने संसद में अविश्‍वास प्रस्ताव पेश किया है।

अविश्‍वास प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कई सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं और ‘मैंने भी कुछ सदस्यों के भाषण सुने हैं’। यह कहते हुए कि देश के लोगों ने कई बार एनडीए सरकार पर अपना भरोसा दिखाया है।

मोदी ने कहा, “मैं यहां भारत के लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए हूं।”

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवान दयालु हैं और अगर वह ठान लेते हैं तो किसी भी माध्यम से लोगों की इच्छा पूरी करते हैं।

उन्होंने कहा, “और मैं इसे आशीर्वाद मानता हूं कि भगवान ने विपक्ष को सुझाव दिया और वे (अविश्‍वास) प्रस्ताव लेकर आए।”

उन्होंने कहा, “2018 में भी जब विपक्ष के सदस्य अविश्‍वास प्रस्ताव लाए थे तो यह भगवान की इच्छा थी और तब भी मैंने कहा था कि यह हमारी सरकार का शक्ति परीक्षण नहीं है, बल्कि यह उनका (विपक्ष का) शक्ति परीक्षण है।”

मोदी ने कहा, “और जब वोटिंग हुई तो भी यही हुआ। वोटों की संख्या उन वोटों को नियंत्रित नहीं कर सकी जो उन्हें पहले मिले थे। इतना ही नहीं, जब हम जनता के पास गए तो लोगों ने विपक्ष के लिए अविश्‍वास की घोषणा कर दी और चुनाव में एनडीए के साथ-साथ भाजपा को भी ज्यादा वोट मिले। इसका मतलब है कि अविश्‍वास प्रस्ताव हमारे लिए भाग्यशाली है।”

उन्होंने कहा, “मैं देख सकता हूं कि आपने तय कर लिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए और भाजपा अधिक बहुमत के साथ पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे।”

अविश्‍वास प्रस्ताव विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) की ओर से कांग्रेस द्वारा लाया गया है। मंगलवार को इस बहस की शुरुआत कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की थी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को चर्चा में भाग लिया था। उनके यह कहने पर कि मणिपुर में ‘भारत की हत्‍या’ हुई है, सत्तापक्ष ने जोरदार हंगामा किया।

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