प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी का ऐक्शन। PFI के कैडरों के खिलाफ एक ताजा कार्रवाई में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उत्तर प्रदेश में 2, बिहार में 12, पंजाब, लुधियाना और गोवा में एक-एक ठिकाने पर छापेमारी चल रही है। बताया जा रहा है कि, मध्य प्रदेश में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर तलाशी हो रही है। सोमवार को एनआईए ने पीएफआई के कई ठिकानों पर छापा मारा है। एनआईए ने बिहार के दरभंगा जिले के उर्दू बाजार में स्थित डेंटिस्ट डॉक्टर सारिक रजा के ठिकाने पर छापा मारा है।

प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े होने के मामले में सिटी थाना क्षेत्र के उर्दू बाजार स्थित दंत चिकित्सक डॉ. सारिक रजा और सिंघवारा थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव निवासी महबूब के घर पर NIA ने छापेमारी की।

केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में एक अधिसूचना जारी कर पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। पीएफआई पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठन से संबंध रखने, आतंकी फंडिंग व हिंसक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप हैं। पीएफआई पर प्रतिबंध के फैसले पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) से संबंधित ट्रिब्यूनल अपनी मुहर लगा चुका है। पीएफआई देश के 15 राज्यों में सक्रिय है। PFI अभी दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है। 22 नवंबर 2006 को तीन मुस्लिम संगठनों केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिता नीति पसरई मिलने से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का जन्म हुआ। PFI खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है। PFI में कितने सदस्य हैं, इसकी जानकारी संगठन नहीं देता है।

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