चक्रवाती तूफान ‘दाना’ गुरुवार की रात में केंद्रपाड़ा जिले के भीतरकनिका और भद्रक के धामरा के बीच ओडिशा तट पर पहुंचा। इसके कारण राज्य के कई इलाकों में तेज हवा के साथ भारी बारिश हुई।
ओडिशा में भीषण चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के तटीय क्षेत्र में दस्तक देने के कारण आसपास के इलाकों में पेड़ उखड़ गए, जिसके बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ODRAF) की टीमों ने शुक्रवार को गिरे हुए पेड़ों को हटाना और मलबे की सफाई शुरू की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि ओडिशा के तट पर गंभीर चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के पहुंचने की प्रक्रिया पूरी हो गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इससे पहले सुबह आठ बजकर 23 मिनट पर बताया था, “दाना’ के तटीय क्षेत्र से टकराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और यह अगले एक-दो घंटे तक जारी रहेगी। इसके उत्तर ओडिशा से होते हुए पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने तथा आज दोपहर तक (भीषण चक्रवाती तूफान से) धीरे-धीरे कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।”
उसने बताया कि पारादीप स्थित डॉपलर मौसम रडार इस प्रणाली पर सतत निगरानी रख रहा है।
ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री और भद्रक जिले के प्रभारी सूर्यवंशी सूरज ने बताया कि गंभीर चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के कारण जिले में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की टीमें भद्रक जिले के धामरा क्षेत्र में तेज हवा और भारी बारिश के बावजूद काम कर रही हैं।
केंद्रपाड़ा जिले के राजनगर के तहसीलदार अजय मोहंती ने बताया कि गंभीर चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के कारण भीतरकनिका क्षेत्र में कुछ पेड़ों के उखड़ने और कुछ कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने के अलावा कोई बड़ी क्षति होने की खबर नहीं है।
कोलकाता और भुवनेश्वर में विमान सेवा बहाल
चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के कारण एहतियात के तौर भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से स्थगित की गई उड़ाने फिर से शुरू कर दी गई हैं। साथ ही कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी उड़ान संचालन फिर से शुरू कर दिया गया है।
तूफान दाना गुरुवार की रात में केंद्रपाड़ा जिले के भीतरकनिका और भद्रक के धामरा के बीच ओडिशा तट पर पहुंचा। इसके कारण राज्य के कई इलाकों में तेज हवा के साथ भारी बारिश हुई। इसकी वजह से उड़ानों पर भी असर पड़ा था। इस तूफान में हवाओं की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक मापी गई।
इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के साथ इस तूफान की तैयारियों पर समीक्षा की और राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
बता दें कि ओडिशा में इस तूफान से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। राज्य में 5,209 आश्रय केंद्र बनाए गए हैं। तूफान से पहले 3,62,000 से अधिक लोगों को संवेदनशील इलाकों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। इनमें से 3,654 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। इन महिलाओं को नजदीकी अस्पतालों और प्रसूति गृह में भेजा गया है।
साथ ही राज्य में 19 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), 51 ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) और 220 अग्निशमन सेवा टीमों को लोगों के राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है।
ओडिशा सरकार के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने बड़ी संख्या में एनडीआरएफ टीमें उपलब्ध करा दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को दाना के प्रभाव से निपटने की तैयारियों पर मुख्यमंत्री माझी के साथ व्यापक चर्चा की थी।
ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, मुख्यमंत्री माझी ने राज्य सरकार के इस पूर्व बचाव अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने तेजी से आ रहे भयंकर चक्रवाती तूफान के दौरान लोगों की सुरक्षा और सहायता के लिए सुरक्षा बलों, एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की तैनाती के संबंध में भी जानकारी साझा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने चक्रवात से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई तैयारियों पर संतोष जताया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम माझी से बात की और राज्य को हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया।