कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरनेम वाले आपराधिक मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने से इनकार करने वाले गुजरात हाई कोर्ट के 7 जुलाई के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। वहीं, मंगलवार यानी आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट भी 21 जुलाई को राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।

दरअसल, सूरत अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ को लेकर उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी। सजा पर रोक लगाने से इनकार करने पर राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

राहुल गांधी ने अपनी अपील में कहा कि अगर हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र बयान का गला घोंट दिया जाएगा। यह लोकतांत्रिक संस्थाओं को व्यवस्थित, बार-बार कमजोर करने और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का गला घोंटने में योगदान देगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा।

गांधी ने कहा कि बयान के लिए उन्हें दोषी ठहराने और दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने की गलती तीन बार की गई है और यह और भी बड़ा कारण है कि सुप्रीम कोर्ट को जल्द से जल्द हस्तक्षेप करना चाहिए और नुकसान को रोकना चाहिए।

Supreme Court agrees to hear on July 21, the plea of Congress leader Rahul Gandhi challenging the Gujarat High Court order which declined to stay his conviction in the criminal defamation case in which he was sentenced to two years in jail by Surat court over ‘Modi surname’… pic.twitter.com/nA9rkwGVYf

— ANI (@ANI) July 18, 2023

आपको बता दें कि बीती 24 मार्च, 2023 को कांग्रेस नेता को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। यह फैसला गुजरात की एक अदालत द्वारा मोदी सरनेम मामले में आपराधिक मानहानि के आरोप में दोषी ठहराए और दो साल की कैद की सजा सुनाई जाने के बाद लिया गया। 53 वर्षीय गांधी को झटका देते हुए, हाई कोर्ट ने 7 जुलाई को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि राजनीति में शुद्धता समय की जरूरत है।

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