मेरठ में नगर निगम की टीम ने मंगलवार को 29 करोड़ रुपये के बकाया कर की वसूली को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक कार्यालय का प्रवेश द्वार सील (Seal) कर दिया। यह सील जब लगाई गई उस समय कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी अंदर ही मौजूद थे। इस कार्रवाई से परिवहन निगम में हड़कंप मच गया है। करीब 5 घंटे बाद जिलाधिकारी के हस्तक्षेप पर सील हटाई गई। कर अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि रोडवेज के मेरठ स्थित क्षेत्रीय प्रबन्धक (आरएम) कार्यालय पर 29 करोड़ रुपये गृह कर बकाया है। नगर निगम द्वारा कई बार नोटिस भी दिए गए लेकिन रोडवेज अधिकारियों ने ना तो कर की राशि जमा करायी और ना ही नोटिस का कोई संतोषजनक उत्तर दिया। इसी वजह से उच्च अधिकारियों के आदेश पर सीलिंग की कार्रवाई की गई है।
आरएम कार्यालय में तैनात लेखाकार भारत भूषण का आरोप है कि नगर निगम की टीम बिना कुछ बताए दफ्तर के दरवाजे पर सीलिंग करके चली गई। टीम ने इस कार्रवाई के दौरान कर्मचारियों को बाहर निकालने तक की जरूरत महसूस नहीं की। उन्होंने बताया कि सीलिंग की कार्रवाई के दौरान क्षेत्रीय प्रबन्धक कार्यालय में 35 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे। प्रभारी क्षेत्रीय प्रबन्धक लोकेश राजपूत ने बताया कि उन्होंने नगर निगम द्वारा की गई कार्यवाही से प्रदेश मुख्यालय को अवगत करा दिया है। इसके अलावा मेरठ के आयुक्त को भी मामले की जानकारी दे दी गई है।
बताया जा रहा है कि कर अधिकारी राजेश कुमार सिंह के अनुसार क्षेत्रीय कार्यालय को गृह कर वसूली के सिलसिले में आखिरी बार नोटिस पिछले साल नवम्बर में दिया गया था। रोडवेज अधिकारी कर जमा करने से हर बार यह कह कर इनकार करते रहे कि वाराणसी में भी रोडवेज कार्यालय से कोई गृह कर नहीं लिया जाता है। इस पर उन्हें बताया गया कि वाराणसी का मामला अलग है। वहां रोडवेज का दफ्तर छावनी इलाके में है। उन्होंने बताया कि शाम करीब 4 बजे जिलाधिकारी दीपक मीणा के हस्तक्षेप के बाद रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के दरवाजे पर लगी सील हटाई गई।