मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की आग भड़क चुकी है। बीती रात मुख्यमंत्री बिरेन सिंह के निजी आवास पर कुछ उपद्रियों के समूह ने धावा बोल दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच जमकर गोलीबारी हुई, जिसके बाद उपद्रवियों पर काबू पा लिया गया। एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में प्रदर्शनकारियों की संख्या करीब 500-600 थी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल के जवानों ने बड़ी मशक्कत के बाद उग्र भीड़ को खदेड़ा और आवास से कुछ दूर पहले ही प्रदर्शनकारियों को रोक लिया।
हालांकि सीएम बिरेन सिंह अपने सरकारी में आवास में रहते हैं। एक पुलिस अफसर के मुताबकि, ‘‘इंफाल के हिंगांग इलाके में मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की गई। सुरक्षा बलों ने भीड़ को आवास से लगभग 100 मीटर पहले ही रोक दिया।’’ अफसर ने आगे कहा, ‘‘इस आवास में कोई नहीं रहता है, हालांकि सुरक्षाकर्मी यहां भी तैनात हैं।”
इससे पहले बुधवार की देर रात उपद्रियों के कुछ समूह ने इंफाल घाटी के उरीपोक, याइस्कुल, सागोलबंद और तेरा इलाकों में सुरक्षाकर्मियों से भीड गए थे। जिसके बाद उपद्रवियों को काबू करने के लिए कई राउंड आंसू गैसे के गोले दागने पड़े थे। अधिकारियों के मुताबिक, प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों के आवासीय इलाके में पहुंच आगजनी करने लगे थे। हालांकि सीआरपीएफ के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को काबू पा लिया था। बता दें कि मणिपुर हिंसा की एक वीभत्स तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में लापता दो छात्रों की शव है। यह बच्चे जुलाई में हिंसा के बीच लापता हो गए थे। हिंसा के बीच इनकी कोई खबर नहीं थी। इसमें से एक 17 वर्षीय हिजाम लिनथोइंगंबी और दूसरा 20 साल के फिजाम हेमजीत का शव है। दोनों का संबंध मैतई समुदाय से है। घाटी में 23 सितंबर को इंटरनेट सेवा बहाल होते ही दोनों छात्रों के शव तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी, जिसके बाद एक बार फिर घाटी में हिंसा की आग सुलगने लगी है।
गौरतलब है कि बीते 3 मई से मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक प्रदर्शन शुरू हुआ था। जिसके बाद प्रशासन ने इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। 23 सितंबर को घाटी में एक बार फिर इंटरनेट सेवा बहाल की गई, जिसके बाद जुलाई में गायब हुए दो छात्रों की हत्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगीं। जिसके बाद एक फिर हिंसा की आग भड़क गई। राज्य शांति व्यवस्था को कायम करने और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए (26 सितंबर) से पांच दिनों के लिए एक बार फिर इंटरनेट सर्विस सस्पेंड कर दी गई है। रविवार 1 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 45 मिनट तक राज्य में इंटरनेट बैन रहेगा।
इससे पहले बुधवार की देर रात उपद्रियों के कुछ समूह ने इंफाल घाटी के उरीपोक, याइस्कुल, सागोलबंद और तेरा इलाकों में सुरक्षाकर्मियों से भीड गए थे। जिसके बाद उपद्रवियों को काबू करने के लिए कई राउंड आंसू गैसे के गोले दागने पड़े थे। अधिकारियों के मुताबिक, प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों के आवासीय इलाके में पहुंच आगजनी करने लगे थे। हालांकि सीआरपीएफ के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को काबू पा लिया था। बता दें कि मणिपुर हिंसा की एक वीभत्स तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में लापता दो छात्रों की शव है। यह बच्चे जुलाई में हिंसा के बीच लापता हो गए थे। हिंसा के बीच इनकी कोई खबर नहीं थी। इसमें से एक 17 वर्षीय हिजाम लिनथोइंगंबी और दूसरा 20 साल के फिजाम हेमजीत का शव है। दोनों का संबंध मैतई समुदाय से है। घाटी में 23 सितंबर को इंटरनेट सेवा बहाल होते ही दोनों छात्रों के शव तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी, जिसके बाद एक बार फिर घाटी में हिंसा की आग सुलगने लगी है।
गौरतलब है कि बीते 3 मई से मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक प्रदर्शन शुरू हुआ था। जिसके बाद प्रशासन ने इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। 23 सितंबर को घाटी में एक बार फिर इंटरनेट सेवा बहाल की गई, जिसके बाद जुलाई में गायब हुए दो छात्रों की हत्या की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगीं। जिसके बाद एक फिर हिंसा की आग भड़क गई। राज्य शांति व्यवस्था को कायम करने और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए (26 सितंबर) से पांच दिनों के लिए एक बार फिर इंटरनेट सर्विस सस्पेंड कर दी गई है। रविवार 1 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 45 मिनट तक राज्य में इंटरनेट बैन रहेगा।