देश के प्रथम गांव माणा में हुए हिमस्खलन में 55  श्रमिकाें में से पांच की तलाश जारी

-भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों ने माणा हिमस्खलन रेस्क्यू अभियान का लिया जायजा

देहरादून, 1 मार्च (हि.स.)। उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ से करीब छह किमी दूर माणा हिमस्खलन क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। सेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से राहत एवं बचाव दल को मौके पर पहुंचाया जा रहा है। सेना के आधिकारिक बयान के अनुसार, अब तक 50 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें से चार की मृत्यु हो चुकी है, जबकि शेष पांच श्रमिकों की तलाश जारी है।

गौरतलब है कि 28 फरवरी को हुए इस हिमस्खलन में सीमा सड़क संगठन (BRO) के 55 श्रमिक फंस गए थे। सेना और बचाव दल ने शुक्रवार से ही खोज एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया था। शनिवार अब तक 50 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

आज जीओसी-इन-सी, मध्य कमान लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता और जीओसी उत्तर भारत क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने माणा हिमस्खलन क्षेत्र का दौरा कर बचाव कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी टीमों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेन गुप्ता ने बताया कि शेष पांच श्रमिकों की खोज के लिए विशेष रेको राडार, यूएवी (ड्रोन), क्वाडकॉप्टर और हिमस्खलन बचाव कुत्तों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, हेलीकॉप्टरों के जरिए भी सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

उन्हाेंने बताया कि अत्यधिक बर्फबारी से मार्ग अवरुद्ध होने के कारण 6 हेलीकॉप्टरों की तैनाती की गई है, जिनमें भारतीय सेना विमानन के 3 चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के 2 चीता हेलीकॉप्टरऔर सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल है। बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना और अन्य एजेंसियां लगातार प्रयासरत हैं।

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