राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और अन्य एजेंसियों ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में हुए भूस्खलन के बाद रविवार को चौथे दिन खोज एवं बचाव अभियान फिर से शुरू किया।

अधिकारियों ने बताया कि इस भूस्खलन में कम से कम 27 लोगों की मौत हो चुकी है।

एनडीआरएफ के एक अधिकारी के अनुसार, रविवार सुबह खोज एवं बचाव अभियान बहाल होने के बाद अभी तक कोई शव बरामद नहीं किया गया है।

मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर तटीय रायगढ़ जिले की खालापुर तहसील में एक पहाड़ी पर स्थित आदिवासी गांव में बुधवार रात भूस्खलन हुआ था।

अधिकारियों ने बताया कि गांव के 48 में से कम से कम 17 मकान पूरी तरह से या आंशिक रूप से मलबे में दब गए।

इससे पहले, अधिकारियों ने कहा था कि शनिवार को भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 27 हो गई, जबकि 81 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

अंधेरे और खराब मौसम के कारण शनिवार रात को खोज एवं बचाव अभियान बंद कर दिया गया था। रविवार सुबह इसे फिर से शुरू किया गया।

बचाव अभियान में मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, क्योंकि गांव तक जाने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं होने के कारण वहां मिट्टी की खुदाई करने वाले यंत्रों को ले जाना आसान नहीं है।

अधिकारियों ने बताया कि अभी तक बरामद हुए 27 शवों में से 12 शव महिलाओं, 10 पुरुषों और चार बच्चों के हैं, जबकि एक व्यक्ति की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है।

उन्होंने बताया कि इस हादसे में एक ही परिवार के नौ सदस्यों की मौत हो गई।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे ने शनिवार को इरशालवाड़ी के निवासियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाया जाना चाहिए।

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