राज निवास के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना राष्ट्रीय राजधानी के पीने योग्य पानी के प्राथमिक स्रोतों में से एक, मुनक नहर के माध्यम से हरियाणा द्वारा छोड़े जा रहे पानी की अपर्याप्त मात्रा को लेकर सोमवार (10 जून) को जल मंत्री आतिशी से मुलाकात करेंगे। आतिशी ने इस मुद्दे पर आपात बैठक के लिए सक्सेना से समय मांगा था। इससे पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मंत्री ने कहा था कि दिल्ली को नहर से 1,050 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए, लेकिन यह घटकर केवल 840 क्यूसेक रह गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा द्वारा मुनक नहर से छोड़े जा रहे अपर्याप्त पानी के बारे में उन्हें अवगत कराने के लिए दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल से आपात बैठक के लिए समय मांगा है।
दिल्ली के जल मंत्री ने एक्स पर कहा कि हरियाणा द्वारा मुनक नहर से छोड़े जा रहे अपर्याप्त पानी के बारे में उन्हें अवगत कराने के लिए एक आपातकालीन बैठक के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल से समय मांगा है। दिल्ली को सीएलसी और डीएसबी उप-नहरों के माध्यम से मुनक नहर से 1050 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए। लेकिन, यह घटकर 840 क्यूसेक रह गया है। 7 जल शोधन संयंत्र इसी पानी पर निर्भर हैं। अगर आज पानी की मात्रा नहीं बढ़ी तो 1-2 दिन में पूरी दिल्ली में पानी की स्थिति खराब हो जाएगी।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि
दिल्ली के जल मंत्री ने हरियाणा सरकार पर राष्ट्रीय राजधानी में पानी का प्रवाह कम करने का आरोप लगाया है, खासकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार को 137 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश देने के कुछ ही दिनों बाद राष्ट्रीय राजधानी के लिए अधिशेष पानी और हरियाणा से भी राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपने जल प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए कहा।