प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दावा किया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने उनसे भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल करने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।

एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बीआरएस प्रमुख ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव के बाद उनसे मुलाकात की थी। बीआरएस नगर निकाय में बहुमत हासिल करने में विफल रही थी जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीती थीं।

मोदी ने कहा कि उन्होंने केसीआर से कहा कि बीआरएस को एनडीए में शामिल करने के बजाय भाजपा विपक्ष में बैठना पसंद करेगी।

प्रधानमंत्री ने दावा किया कि केसीआर ने उनसे दोबारा मुलाकात कर कहा था कि वह सत्ता की बागडोर अपने बेटे केटीआर को सौंपना चाहते हैं।

मोदी ने दावा किया, “उन्होंने मुझसे केटीआर को आशीर्वाद देने का अनुरोध किया। मैंने उनसे पूछा कि क्या आप राजा महाराजा हैं? यह लोकतंत्र है और लोग तय करेंगे कि किसका शासन होना चाहिए। आखिरी बार वो मुझसे मिले थे।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि केसीआर ने तेलंगाना दौरे पर उनका स्वागत करना क्यों बंद कर दिया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री में उनसे आंख मिलाने की हिम्मत नहीं है। मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि बीआरएस ने कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस पार्टी की मदद की और अब कांग्रेस वोटों का बंटवारा कर तेलंगाना में बदला चुका रही है।

मोदी ने बीआरएस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उसने तेलंगाना के विकास के लिए केंद्र द्वारा भेजी गई धनराशि को ‘लूट’ लिया।

उन्होंने कहा कि हजारों परिवारों ने तेलंगाना के लिए बलिदान दिया, लेकिन केवल एक परिवार ने सब कुछ हड़प लिया।

पीएम ने कहा, “वे आपके वोटों का इस्तेमाल केवल अमीर बनने के लिए करते हैं। उन्होंने केवल पारिवारिक शासन और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।”

मोदी ने लोगों से कांग्रेस से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि उसने वोटों के बंटवारे का ठेका ले रखा है।

“पूरे देश ने कांग्रेस को खारिज कर दिया है। आप जानते हैं, जब कांग्रेस एक राज्य में सत्ता खो देती है तो पार्टी के लिए वापस आना मुश्किल हो जाता है।”

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