घाटी में आतंकी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों ने अपनी रणनीतियों को और भी सख्त किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में कमी आई है, जो एक सकारात्मक संकेत है। यह कम भर्ती दर दर्शाता है कि सुरक्षाबलों की ओर से किए जा रहे ऑपरेशन्स, खुफिया जानकारी की बेहतर सांझेदारी और स्थानीय समुदाय के साथ बेहतर संवाद के कारण आतंकी संगठनों के लिए स्थानीय समर्थन में कमी आई है।

साथ ही, सुरक्षाबलों ने घाटी में आतंकवादियों के नेटवर्क को निष्क्रिय करने के लिए ऑपरेशनल सक्रियता बढ़ा दी है, जिससे आतंकियों की गतिविधियों पर अंकुश लगा है। यह स्थानीय युवाओं के लिए भी एक संदेश है कि आतंकवाद में शामिल होने के बजाय, वे विकास और शांति की दिशा में काम कर सकते हैं। इस प्रकार, सुरक्षाबलों का दबाव, बेहतर खुफिया जानकारी और स्थानीय समुदाय का सहयोग आतंकवादियों की भर्ती में कमी के कारण महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

हाल के समय में सरकार ने आतंकवाद और ड्रग तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। एक महीने के भीतर आतंकवादियों के समर्थकों और ड्रग डीलरों की कुल 7 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। इस प्रकार की कार्रवाइयों से आतंकवादियों को वित्तीय मदद और पनाह मिलना मुश्किल हो गया है।

इसका उद्देश्य कश्मीरी युवाओं को आतंकवाद के रास्ते से दूर रखना और आतंकवादियों के नेटवर्क को खत्म करना है। इस तरह की सख्त कार्रवाई से यह संदेश भी दिया जा रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और कश्मीर में शांति और विकास की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

 

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