रूस में बनाए जा रहे भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत इस साल के अंत तक भारत की सेना में शामिल हो जाएंगे। अमरीकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत इनकी डिलेवरी लेने के लिए पूरी तरह से तैयार है। एडवांस स्टील्थ फ्रिगेट (युद्धपोत) श्रेणी के इन युद्धपोतों के शामिल होने से इंडियन नेवी की डिफेंस क्षमता में इजाफा होगा। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इनकी डिलेवरी में पहले ही दो साल की देरी हो गई है। फिलहाल रूस के समंदर में इनका सीक्रेट ट्रायल हो रहा है।
पहला युद्धपोत आइएनएस तुशिल के नाम से जाना जाएगा, जबकि दूसरे युद्धपोत का नाम कमीशनिंग के बाद आइएनएस तमाल होगा। स्टील्थ फ्रिगेट को तुशिल वर्ग के युद्धपोतों के हिस्से के रूप में बनाया जा रहा है। तुशिल एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ ‘रक्षक ढाल’ होता है। तुशिल युद्धपोत के लिए भारत ने रूस के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया था, जिसके तहत चार ऐसे जहाजों का निर्माण हो रहा है।
भारतीय नौसेना की एक टीम ने हाल ही में रूस में शिपयार्ड का दौरा किया था, जहां फ्रिगेट बनाए जा रहे हैं। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक दोनों युद्धपोतों के इस साल क्रमश: अगस्त और दिसंबर तक सेना में शामिल होने की उम्मीद है।