भारतीय सेना ने स्वदेशी ‘मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल’ (MPATGM) का राजस्थान की पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण किया। इसे सेना के शस्त्रागार में शामिल करने का रास्ता खुल गया है। इस हथियार प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। यह कहीं से भी दुश्मन के टैंक को निशाना बनाने में सक्षम है। MPATGM निशाना लगाने के साथ अग्नि नियंत्रण वाली प्रणाली है। यह दिन और रात, दोनों समय अभियान के लिए उपयुक्त है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि इसके टेंडेम वारहेड सिस्टम का ट्रायल पूरा हो चुका है। इसे आधुनिक कवच-संरक्षित टैंक को हराने में सक्षम पाया गया। इससे पहले भी इस प्रणाली का विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षण किया गया था।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रणाली के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी। उन्होंने इसे आधुनिक प्रौद्योगिकी आधारित रक्षा प्रणाली के विकास में आत्म निर्भरता हासिल करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम बताया। डीआरडीओ अध्यक्ष समीर वी. कामत ने भी परीक्षण से जुड़े दलों को बधाई दी।

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