आजादी की घटनाओं से लेकर भारत की पहली सदन का गौरव संजोए है दिल्ली विधानसभा
नई दिल्ली, 2 मई (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा परिसर को भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक और ऐतिहासिक स्थल माना गया है। इस 20 एकड़ के परिसर को अब राष्ट्रीय महत्व के विरासत स्थल के रूप में संरक्षित किया जाएगा।
दिल्ली विधानसभा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि दिल्ली विधानसभा भवन की विरासत और संरक्षण के लिए एक योजना बनाई जा रही है। इस योजना के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र तीन सप्ताह में एक रिपोर्ट तैयार करेगा। एक विशेष समिति बनाई जाएगी जो इस परियोजना की निगरानी करेगी। भवन की ऐतिहासिकता को उजागर करने के लिए लाइट एंड साउंड शो और डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जाएगी। संग्रहालय भी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि संरचना को बचाने के लिए आधुनिक और पारंपरिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इस ऐतिहासिक स्थल को सप्ताहांत में जनता के लिए खोला जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि ई-लाइब्रेरी और डिजिटलीकरण की ओर विधानसभा तेजी से कदम आगे बढ़ा रही है। हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में संसद सचिवालय में एक अहम बैठक हुई। इसमें दिल्ली विधानसभा को आधुनिक बनाते हुए उसकी ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने पर चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि बैठक में दिल्ली विधानसभा की लाइब्रेरी को तुरंत डिजिटल ई-लाइब्रेरी में बदलने और ऐतिहासिक टाउन हॉल की पुरानी रिकॉर्ड फाइलों का डिजिटलीकरण जैसे परियोजनाओं पर चर्चा हुई। विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले दिनों टाउन हॉल के रिकॉर्ड रूम का दौरा कर 1880 से अब तक के प्रशासनिक दस्तावेजों को संरक्षित करने का संकल्प दोहराया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली विधानसभा ई विधान बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) क्रियान्वयन के अंतर्गत नवीनतम तकनीकी से लैस सॉफ्टवेयर और ऐप का प्रयोग करेंगे। जुलाई में प्रस्तावित विधानसभा का मानसून सत्र पूरी तरह से पेपरलेस होगा। इस दिशा में तेजी से प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा को सौर ऊर्जा से जगमग करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है।
इस योजना के तहत 500 किलोवॉट की सौर ऊर्जा प्रणाली लगाई जाएगी, जो अगले 60 दिनों में पूरी हो जाएगी। इससे विधानसभा को 10 फीसद अतिरिक्त बिजली मिलेगी। इस पहल से हर महीने दिल्ली विधानसभा को करीब 15 लाख रुपये की बिजली की बचत होगी और सरकार का बिजली खर्च भी कम होगा। सौर ऊर्जा से हम आत्मनिर्भर विधानसभा की ओर बढ़ रहे हैं। यह दिल्ली विधानसभा को देशभर में एक नई पहचान दिलाएगा। हम स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उपयोग से देश की बाकी विधानसभाओं के लिए भी मिसाल पेश करेंगे।
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