इंग्लैंड को हराने के बाद भारतीय महिला टीम बृहस्पतिवार से आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रहे एकमात्र टेस्ट में आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम पर जीत दर्ज करके अपनी उपलब्धियों में इजाफा करना चाहेगी।

भारत ने 46 साल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले दस टेस्ट में से एक भी नहीं जीता है। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम को पता है कि स्पिनरों की मददगार पिच पर उसके पास इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता।

भारतीय गेंदबाजों खासकर ऑफ स्पिनर दीप्ति शर्मा ने पिछले सप्ताह डीवाई पाटिल स्टेडियम पर इंग्लैंड के खिलाफ 347 रन से मिली जीत में अहम भूमिका निभाई। महिला टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में रनों के हिसाब से यह सबसे बड़ी जीत थी। अब दीप्ति आस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उस प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगी। तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर ने भी नई गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया है। तेज गेंदबाज पूजा वस्त्राकर ने भी इंग्लैंड के खिलाफ तीन विकेट लिए।

बल्लेबाजी में हरमनप्रीत कौर (49 और नाबाद 44), जेमिमा रौड्रिग्ज (68) और यास्तिका भाटिया (66) ने इंग्लैंड के खिलाफ प्रभावित किया।

सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना से भारत को बड़ी पारी की उम्मीद होगी। बाएं हाथ की बल्लेबाज शुभा सतीश इस मैच में शायद नहीं खेल सकेंगी जिन्हें इंग्लैंड के खिलाफ मैच के दौरान हेयरलाइन फ्रेक्चर हो गया था।

करीब 40 साल बाद भारत में टेस्ट क्रिकेट खेलने आई आस्ट्रेलियाई टीम के पास एलिसा हीली के रूप में नयी कप्तान हैं। मेग ला¨नग की जगह कप्तान बनी हीली के लिए भारत में टेस्ट जीतना बड़ी चुनौती होगी।

भारत और आस्ट्रेलिया की महिला टीमों ने फरवरी 1984 में इसी मैदान पर भारत में आखिरी बार टेस्ट खेला था। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच दो साल पहले आस्ट्रेलिया में खेले गए टेस्ट में स्मृति मंधाना के पहली पारी में बनाए गए 127 रन की मदद से मैच ड्रा रहा था।

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