डीपीएस द्वारका के निष्कासित 32 छात्रों के अभिभावकों की याचिका पर हाई कोर्ट का फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। हाई कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से निलंबित किए गए 32 छात्रों के अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई की है। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।
स्कूल की फीस नहीं भरने की वजह से इन छात्रों को निलंबित कर दिया गया था। इन छात्रों के अभिभावकों की याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पब्लिक स्कूल द्वारका का ये फैसला दिल्ली हाई कोर्ट के 16 अप्रैल के आदेशों के विपरीत है। हाई कोर्ट के फैसले में छात्रों के हितों का ख्याल रखा गया है। 16 अप्रैल के हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि स्कूल इन छात्रों को क्लास करने से नहीं रोक सकते हैं। स्कूल प्रशासन ने 9 मई की शाम को ई-मेल के जरिये छात्रों को सूचना दी कि उनका नाम स्कूल से काट दिया गया है।
याचिका में कहा गया है कि स्कूल ने 9 मई का दिन इसलिए चुना, क्योंकि 10 मई से लेकर 12 मई तक छुट्टियां थीं। जब सभी छात्र 13 मई को स्कूल पहुंचे तो उन्हें स्कूल के परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। छात्रों के अभिभावकों के मुताबिक 13 मई को जब वे स्कूल पहुंचे तो उनके साथ बदतमीजी की गई। बाउंसरों ने उन्हें स्कूल के परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया। इन छात्रों को बस के अंदर दो घंटे रखा गया और आखिरकार उन्हें घर छोड़ा गया। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली प्रशासन ने जो स्कूल फीस तय की थी उसके चेक देने के बावजूद स्कूल वालों ने चेक बैंक में नहीं डाला।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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