तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद बुधवार सुबह ईडी के अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लिया और जैसे ही अधिकारियों ने उन्हें पकड़ा वह फफक कर रो पड़े और काफी देर कर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। इतना ही नहीं सेंथिल बालाजी कार की सीट पर लेट गए और दर्द से करहाने लगे। वो बेचैन हो रहे थे. इसी दौरान उनके समर्थक भी वहां आ गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
उन्हें दिन में एक विशेष अदालत में पेश किया जा सकता है, जहां एजेंसी उनकी हिरासत का अनुरोध करेगी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में करूर जिले से ताल्लुक रखने वाले द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कद्दावर नेता बालाजी से जुड़े परिसरों पर मंगलवार को छापेमारी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी के खिलाफ कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में पुलिस और ईडी को जांच की अनुमति दी थी, जिसके कुछ महीने बाद यह कार्रवाई की गई।
इससे पहले बालाजी ने बेचैनी होने की शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। राज्य के मंत्री पी. के. शेखर बाबू ने दावा किया कि ऐसे ‘‘लक्षण” दिखे हैं जिससे लगता है कि बालाजी को ‘‘प्रताड़ित” किया गया है। बाबू ने पत्रकारों से कहा, ‘‘वह आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में हैं। वह अचेत अवस्था में थे और जब उनका नाम लेकर पुकारा गया तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वह (चिकित्सकों) निगरानी में हैं… उनके कान के पास सूजन है।
डाॅक्टरों का कहना है कि ECG (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) में उतार-चढ़ाव है.. ये सभी प्रताड़ित किए जाने के लक्षण हैं।” वहीं टेलीवीजन चैनल पर दिखाए जा रहे वीडियो में शहर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में लाए जाने के दौरान बालाजी असहज नजर आ रहे थे। अस्पताल पहुंचे राज्य के कानून मंत्री एस. रघुपति ने बालाजी के घर पर घंटों तक ईडी की छापेमारी पर सवाल उठाए। तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन सहित राज्य के कई मंत्री अस्पताल पहुंचे। इस बीच केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों को अस्पताल में तैनात किया गया। ईडी ने धन शोधन मामले की जांच के तहत मंगलवार को चेन्नई, करूर और इरोड में बालाजी से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की है। बालाजी पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) में थे और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री थे।