राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना स्थित कार्यालय पहुंचे। उन्हें जमीन के बदले नौकरी के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। मंगलवार को 76 वर्षीय नेता को पटना में संघीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था। यादव के साथ उनकी बेटी और राजद नेता मीसा भारती भी ईडी कार्यालय पहुंचीं। इस हाई-प्रोफाइल उपस्थिति ने शहर में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। सैकड़ों राजद समर्थक ईडी परिसर के बाहर एकत्र हुए हैं। उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया और अपने नेता के समर्थन में नारे भी लगाए।
गौरतलब है कि ईडी ने इससे पहले 20 जनवरी 2024 को लालू यादव का बयान दर्ज किया था। उनके बेटे और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से भी एजेंसी ने पिछले साल 30 जनवरी को पूछताछ की थी। दोनों ही मामलों ने राजनीतिक बवाल मचा दिया था और अब ईडी के समन को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। लालू की बेटी मीसा भारती ने कहा कि उनका परिवार जांच में पूरा सहयोग कर रहा है। इस बीच, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने टिप्पणी की, “हर किसी को अपने किए का परिणाम भुगतना ही पड़ता है।”
इससे पहले मंगलवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके विधायक बेटे तेज प्रताप यादव इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए थे। पिछले साल ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में लालू यादव के परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था। जांच इस आरोप से संबंधित है कि लालू यादव ने केंद्र में यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के स्थानापन्नों की नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार किया था।