गाजियाबाद में होली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया गया, जहां आधी रात तक होलिका दहन का उत्सव आयोजित किया गया। शहर भर में लोगों ने एक दूसरे को रंग लगाते हुए और डीजे पर थिरकते हुए इस पर्व का आनंद लिया। विशेषकर महिलाएं और बच्चे इस अवसर पर गुलाल लगाकर अपनी खुशी का इजहार करते नजर आए। इस दौरान, कई लोगों ने अपने मोबाइल से सेल्फी भी ली, जिससे इस खुशी भरे पल को वे संजो सकें। गाजियाबाद जिले में इस वर्ष कुल 2450 स्थलों पर होली का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न सोसायटियों में समय-समय पर होलिका दहन किया गया।
गाजियाबाद के विभिन्न सोसायटियों में होलिका दहन के लिए रात 8 बजे से तैयारी शुरू हो गई थी। इस उत्सव के तहत, रात को 1 बजे तक भी होली जलाई जाती रही। चालू डीजे पर लोग नृत्य करते रहे, और इस अवसर पर शहर के विभिन्न हिस्सों में पुलिस भी चौकसी करती रही, ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। दिन के समय, कई जगहों पर होली पूजन भी किया गया, जिसमें लोग धार्मिक आस्था के साथ अपने परिवार और मित्रों के साथ जुटे रहे। शाम को होलिका दहन का लोग बेसब्री से इंतजार करते रहे और इस दौरान अलग-अलग सोसायटियों में रंग, उल्लास और उत्साह का माहौल बना रहा।
हिंडन जोन में 367, देहात क्षेत्र में 623 और सिटी क्षेत्र में 1429 स्थानों पर होलिका दहन का आयोजन किया गया। इस प्रकार, गाजियाबाद में होली का पर्व एक बड़े सामूहिक उत्सव के रूप में मनाया गया, जिसमें प्रत्येक वर्ग के लोग शामिल हुए। साथ ही, इस अवसर पर पहले से ही सोसायटियों में डीजे की व्यवस्था की गई थी, जिससे रात भर लोग एक साथ रंगों में सराबोर रहें। यह सभी विभिन्न स्थानों पर लोगों की भीड़ और उत्साह का केंद्र बना रहा।
गाजियाबाद में होलिका दहन का यह उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने का भी काम करता है। होली का यह पर्व भाईचारा, प्रेम और सद्भाव का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, अपने पुराने रिश्ते को सहेजते हैं और नए दोस्त बनाते हैं। इस प्रकार, होलिका दहन का आयोजन गाजियाबाद में एक सुखद और यादगार अनुभव बन गया, जिसे लंबे समय तक लोग याद करेंगे।