29 साल से दुनिया के सबसे लंबे धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह कुंभ में करेंगे कल्पवास
भारतीय अखाड़ा परिषद ” धर्म संसद ” से भ्रष्टाचार की समाप्ति हेतु दिशा निर्देश पारित करने का अपील करेगे मास्टर विजय सिंह
मुजफ्फरनगर। भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के विरुद्ध 29 साल से दुनिया के सबसे लंबे धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह प्रयाग महाकुंभ मे आत्मशुद्धि व आत्मशक्ति हेतु 9 दिन का कल्पवास कर पूजा अर्चना करेंगे. भारतीय अखाड़ा परिषद ” धर्म संसद ” से (महामंडलेश्वर व साधु संतों )से भेट कर भ्रष्टाचार व भूमाफिया, रिश्वतखोरी आदि की समाप्ति हेतु कठोर दिशा निर्देश का प्रस्ताव पारित करने की अपील करेगे।
मास्टर विजय सिंह ने कहा महाकुंभ के पवित्र स्नान का अभिप्राय जीवन को शुद्ध एवं सात्विक बनाना है अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त करने का संकल्प लेना है .वे प्रयाग महाकुंभ में एकांत में ईश्वर व गंगा मां से आराधना करेंगे . 3 दिन बिल्कुल मौन रहेंगे, दिन में तीन बार संगम में स्नान करेंगे दिन मे एक समय भोजन लेंगे तथा महामंडलेश्वर . साधु संतों के प्रवचन सुनेंगे
देश.प्रदेश में भ्रष्टाचार,माफियागिरी , रिश्वतखोरी, कमीशनखोरी आदि बुराईया समाप्त नहीं हुई सार्वजनिक पदों बैठे कुछ ( नेता ,अधिकारी.कर्मचारी.इंजीनियर तथा ठेकेदार)भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी ,कमीशन खोरी कर देश में लूट खसोट कर देश को हानि पहुँचा रहे हैं . उन्हें सद्बुद्धि आए , वे ईमानदार बने, अपने कार्य में सुचिता लाये , के संदर्भ में ईश्वर व गंगा मां से प्रार्थना से प्रार्थना करेंगे।
धर्म व राष्ट्र धर्म दोनों अनुपूरक है दोनों का ईमानदारी से निर्वाह किया जाना आवश्यक है . देश मे नैतिक भौतिकवाद जरूरी है देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो , महाशक्ति बने, सभी सुखी हो.विश्व शांति हो.की प्रार्थना निरंतर 11 दिन करते रहेंगे . यज्ञ भी करेंगे।
गौरतलब है कि मास्टर विजय सिंह भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के विरुद्ध जनहित में सार्वजनिक भूमि को दबंग भूमाफियाओं से मुक्त कराकर गरीबों में बांटने या विकास कार्यों में लेने हेतु पिछले 30 वर्षों से मुजफ्फरनगर में धरना आंदोलन/ सत्याग्रह कर रहे हैं। 30 साल पहले मास्टर विजय सिंह ने अध्यापक की नौकरी से इस्तीफा देकर सबसे पहले उन्होंने अपने गाँव चौसाना की 4 हजार बीघा सार्वजनिक भूमि पर शोध करके घोटाला खोला। मास्टर विजय सिंह का मानना है कि मुजफ्फरनगर और शामली जनपद में लगभग 6 लाख बीघा सार्वजनिक भूमि, ( तालाब ,झील वन ग्राम सभा की भूमि )आदि पर अवैध कब्जे हैं। उक्त भूमि को कब्जामुक्त करवाने तथा इस भूमि के सार्वजनिक प्रयोग या गरीबों को बंटवाने की जद्दोजहद में मास्टर विजय सिंह मुजफ्फरनगर में 24 घंटे धरने पर रहकर गांधीवादी लड़ाई लड़ रहे हैं।
धरने का विश्व रिकार्ड
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29 साल का यह धरना देश व दुनिया का सबसे लम्बा धरना घोषित हो चुका है। इस धरने को लिम्का बुक आफ रिकॉर्डस, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्डस, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस, मीरा सैल्स ऑफ दा वर्ल्ड रिकॉर्डस, यूनिक वर्ल्डस रिकार्ड ने सबसे लम्बा सत्याग्रह दर्ज किया है।
प्रारंभिक जीवन तथा आंदोलन
मास्टर विजय सिंह भूमाफियों के खिलाफ गाँधीवादी तरीके से आन्दोलनरत हैं। उन्होंने अध्यापक की नौकरी छोड़ी और घर-परिवार को त्यागकर समाजसेवा हेतु अपना जीवन समर्पित कर दिया। आप मुजफ्फरनगर में बास बल्ली कुटिया बनाकर रह रहे हैं। इस कुटिया में न ही तो कोई पंखा है और न ही सुख-सुविधा का कोई साधन है वे आप गर्मी, सर्दी और बरसात के थपेड़े सहते हुए एकला चलो की तर्ज पर आगे बढ़ रहे हैं। संघर्ष के रास्ते पर चलते हुए परिवार और रिश्तेदारों ने भी मुँह मोड़ लिया। रिश्तेदारों की उपेक्षा के बावजूद स्वयं संघर्ष करते रहे है भ्रष्ट राजनेता भले ही आन्तरिक रूप से उनके खिलाफ हों लेकिन सार्वजनिक रूप से कोई उनकी और उनके कार्यों की निंदा नहीं करता है। समस्त अधिकारी उनके संघर्ष और ईमानदारी का सम्मान करते हैं। कई बार ऐसे अवसर भी आए कि जिलाधिकारी ने जनसेवा के कार्य में उनका सहयोग लिया। मास्टर जी अपना खाना बनाना, कपड़े धोना और बर्तन साफ करना जैसे कार्य स्वयं करते हैं। भ्रष्ट राजनीति के सामने लाचार दिखाई देते हैं लेकिन बड़ी बात यह है कि आप हिम्मत नहीं हारते हैं। सुखद यह है कि लगातार आर्थिक तंगी से जूझ रहे मास्टर विजय सिंह अपना स्वाभिमान बचाए हुए हैं। आप एक तपस्वी की तरह अपना जीवन जी रहे हैं। वे जमीन पर सोते हैं, पैदल चलते हैं और कई बार तो भूखे रहकर ही अपने संघर्ष को एक नई दिशा देने के लिए तत्पर रहते हैं। मास्टर विजय सिंह के पिताजी का नाम भगत सिंह शायद पिता का नाम भगत सिंह होने के कारण क्रांतिकारी भगत सिंह की क्रांतिकारी चेतना विजय सिंह के अंदर पैदा हुई दूसरे उनका जन्म 10 मई गदर दिवस को हुआ अन्याय के विरुद्ध बिगुल बजाने की चेतना उनके अंदर कूट कूट कर भरी है वे 33 वर्ष की युवा आयु घर-परिवार छोड़कर अन्याय के
विरुद्ध धरने पर धरने पर बैठ गए थे जो 62 साल के बूढ़े हो गये है । मास्टर विजय सिंह गाँधी जी के आदर्शो पर चलते हुए गाँधी जी की तरह ही जीवन यापन कर रहे हैं। आप न्यूनतम आवश्यकताओं के बीच शरीर पर धोती-कुर्ता धारण करते हुए ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ के दर्शन को चरितार्थ कर रहे हैं। 30सालों में उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अपने साथ अन्याय करने वाले व्यक्ति के प्रति भी वे कोई दुर्भावना नहीं रखते हैं। गाँधी जी के सिद्धान्त ‘पाप से घृणा करो, पापी से नहीं’ को मानते हुए आप सभी के प्रति प्रेम भाव रखते हैं। मास्टर विजय सिंह हिंसा या हिंसात्मक विरोध में विश्वास नहीं रखते हैं। संयमित भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि उनका आंदोलन व जीवन निर्विवाद रहा है। सभी समाज के लोग उन्हें आदर से मास्टर जी के नाम से पुकारते हैं। परोपकार की भावना से ओत-प्रोत मास्टर जी ने 2013 में अपना शरीर एम्म, दिल्ली को दान कर दिया है ताकि उनकी मृत्यु के बाद शरीर के विभिन्न अंग रोगियों के काम आ सकें। सच्चे देशभक्त मास्टर जी 15 अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर बड़े ही हर्ष के साथ मनाते हैं। कोई भी पीड़ित गरीब आदमी उनके पास आए तो उसका काम निःशुल्क कराते हैं। आर्थिक अभाव के बावजूद दीन-दुखियों की मदद से नहीं चूकते और उधार लेकर मदद करने से भी पीछे नहीं हटते। गौरतलब है कि 30 साल पहले एक 4 साल के भूखे बच्चे की व्यथा से मास्टर जी का मन द्रवित हो गया। बच्चा अपने माँ से कह रहा था कि माँ किसी के यहाँ से आटा मांग लाओ और शाम को रोटी बना लो। हमने कई दिनों से खाना नहीं खाया है। यह वेदना सुन मास्टर विजय सिंह ने अध्यापक की नौकरी से इस्तीफा देकर गाँधीवादी आन्दोलन शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने अपने गाँव चौसाना की 4000 बीघा भूमि पर शोध करके घोटाला खोला। इस भूमि पर गाँव के राजनीतिक, दबंग और भूमाफियो ने राजस्व अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जा कर लिया था। पिछले 30 वर्षों में मास्टर जी की मांग पर कई जाँचें हो चुकी हैं। 3200 बीघा जमीन पर घोटाला साबित हो चुका है। लगभग 300 बीघा जमीन अवैध कब्जे से मुक्त कराई जा चुकी है। काफी मुकदमें भी दर्ज कराए गए हैं। भ्रष्टाचार, लचर प्रशासनिक व्यवस्था और राजनीतिक दबाव के चलते प्रकरण निस्तारित नहीं हो सका है। मास्टर जी ने आन्दोलन के माध्यम से अन्य गाँवों में भूमाफियाओं द्वारा किए गए कब्जों को भी छुड़वाया है जिनमें पुरकाजी और रामराज प्रमुख हैं। जनपद मुजफ्फरनगर और शामली में लगभग 6 लाख बीघा सार्वजनिक भूमि, तालाब ,झील आदि पर अवैध कब्जे हैं। मास्टर विजय सिंह इस प्रकार की भूमि को कब्जामुक्त करवाने तथा इस भूमि के सार्वजनिक प्रयोग या गरीबों को बंटवाने की जद्दोजहद में 24 घंटे धरने पर रहकर गांधीवादी लड़ाई लड़ रहे हैं।
धरने के दौरान पिछले , 30 सालों में मास्टर विजय सिंह को जान से मारने की धमकी दी गई और उन पर हमले भी हुए। उनके घर को भी आग लगा दी गई। मास्टर जी का कहना है कि 4000 बीघे सार्वजनिक भूमि से भूमाफिया लगभग 40 लाख रुपये की अवैध मासिक आय प्राप्त कर राजकोष को निरन्तर हानि पहुँचा रहे हैं। भूमि घोटाले में अवैध कब्जा मुक्ति की कार्रवाई न होने पर मास्टर जी ने 30 मार्च 2012 को मुजफ्फरनगर से मुख्यमंत्री निवास लखनऊ तक 19 दिन में 600 किलोमीटर की पैदल यात्रा की। 28 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने की मांग की तथा उन्होंने अक्टूबर 2019 में मुजफ्फरनगर से दिल्ली राजघाट महात्मा गांधी की समाधि तक की पैदल यात्रा की। मास्टर जी की मांग पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आदेश दिया कि शासन स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजकर इसकी निष्पक्ष जाँच कराई जाए और जाँच के उपरान्त दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री के इस आदेश पर टीम गठित हुई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। दरअसल घोटाले के आरोपी भूमाफिया सपा के शासनकाल में सपा में शामिल हो गए तथा भाजपा के सत्ता में आते ही भाजपा में शामिल हो गए। यही कारण है कि इस प्रकरण की कार्रवाई लगातार प्रभावित हो रही है।
योगी सरकार में नहीं हुई कार्यवाही?
कई जांच हो चुकी हैं रिपोर्टों में आरोप साबित हो चुके हैं परंतु शासन प्रशासन ने भूमि घोटाले की समीक्षा मैं तो समीक्षा की तथा न ही भूमाफिया पर पूर्ण कार्यवाही की है
8 अप्रैल, 2019 को CM योगी ने शामली में हुई चुनावी सभा में मास्टर ने प्रदर्शन किया था. इसके बाद सीएम योगी ने DM शामली को जांच कराने के आदेश दिए थे. एसडीएम ऊन सुरेंद्र सिंह ने जांच कर DM को रिपोर्ट दी थी. इसमें सैकड़ों करोड़ की सार्वजनिक कृषि भूमि पर पूर्व विधायक ठा. जगत सिंह का अवैध कब्जा साबित हुआ था. रिपोर्ट में ठा. जगत सिंह को भू-माफिया घोषित करने की संस्तुति भी की गई थी. इसके बाद DM ने मौके पर पहुंचकर भौतिक सत्यापन कर कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी थी.विजय सिंह का कहना है कि CM योगी ने शामली की भरी सभा में जो वादा किया था, उसे आज तक पूरा नहीं किया. उनके 7 साल के कार्यकाल में मास्टर विजय सिंह ने कई बार लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास जाकर योगी से मुलाकात का समय मांगा, मगर मिल नहीं पाए. वहीं, मास्टर विजय सिंह का कहना है कि उन्हें लखनऊ पुलिस द्वारा 5 घंटे हजरतगंज थाने मैं हिरासत में भी रखा गया था.