गांधी परिवार पर ईडी की कार्रवाई के बाद खरगे ने केंद्र सरकार को बनाया निशाना
नई दिल्ली, 16 अप्रैल (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज यहां भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विफलताओं को छिपाने के लिए कांग्रेस को निशाना बना रही है। यह आरोप प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य के खिलाफ नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले में अभियोजन शिकायत के बाद लगाया गया है।
खरगे ने एक एक्स पोस्ट में दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का आर्थिक कुप्रबंधन नियंत्रण से बाहर हो रहा है। इस सरकार के पास कोई दृष्टि या समाधान नहीं है, वह महज अपनी गलतियों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। भाजपा सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए पांच महत्वपूर्ण तथ्य काफी हैं। उहोंने कहा कि व्यापार घाटा तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। टैरिफ और व्यापार युद्ध पर कोई स्पष्ट योजना नहीं है और समाधान की बजाय केवल खोखले शब्द और अनुत्पादक दौरे हुए हैं। उन्होंने आरबीआई के मार्च 2025 के एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि 90% उपभोक्ताओं ने बताया कि कमोडिटी की कीमतें बढ़ गई हैं। परिणामस्वरूप, 80% से अधिक ने कहा कि उनके खर्च में वृद्धि हुई है, भले ही आय में वृद्धि नहीं हुई। एफएमसीजी फर्मों की राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 25 में धीमी होकर केवल 5% रह गई, जबकि मार्जिन में कोई सुधार नहीं हुआ है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दिसंबर 2024 तक ईंधन पर करों और शुल्कों के रूप में 39 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि एलपीजी की कीमतों में 50 रुपये की बढ़ोतरी करने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर बोझ बढ़ गया। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के हवाले से उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी के बारे में कहा कि स्नातकों की बेरोजगारी दर 13% और युवा बेरोजगारी दर 10.2% है। देश के 23 में से 22 आईआईटी और 25 में से 23 आईआईआईटी में प्लेसमेंट में गिरावट देखी गई और एनआईटी में प्लेसमेंट में 11% की गिरावट देखी गई।
एफडीआई में गिरावट से भारत को होने वाले नुकसान की चर्चा करते हुए खरगे ने कहा कि अप्रैल से जनवरी 2024-25 तक भारत में शुद्ध एफडीआई 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम था जबकि अप्रैल से जनवरी 2012-13 तक यह 19 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। उन्होंने दावा किया कि इसके लिए लोग भाजपा को माफ नहीं करेंगे। हम डरेंगे नहीं और सरकार की विफलताओं के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे।
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