मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा नेत्री मिस्फिका हसन के खिलाफ अवैध तरीके से भूमि और संपत्ति अर्जन के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो को पीई (प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज करने की अनुमति दी है।

मिस्फिका हसन अभी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री हैं। वह पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता भी हैं। उन पर पाकुड़ के ईलामी प्रखंड की मुखिया रहते अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।

एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने मिस्फिका के खिलाफ पीई (प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज करने की स्वीकृति मांगी थी। उनके खिलाफ एसीबी को एक शिकायतकर्ता ने शपथ पत्र के साथ कंप्लेन लेटर दिया है।

उसके मुताबिक, मिस्फिका के नाम से कुल 8 भूखंडों का रजिस्टर्ड डीड है। इसके अलावा उन्होंने मुखिया रहते हुए कई अन्य संपत्ति भी अर्जित की है।

कंप्लेन लेटर में लगाये गये आरोपों की पुष्टि दुमका के तत्कालीन इंस्पेक्टर द्वारा दिये गये जांच रिपोर्ट में हुई थी और मामले की खुली जांच के लिए पीई दर्ज करने की अनुशंसा की गई थी।

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