मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग के अंतर्गत विभिन्न जिलों में निर्माणाधीन पुलिस लाइन, ‘ट्रांजिट हॉस्टल’ और प्रशिक्षण संस्थानों से जुड़े आवासीय/अनावासीय भवनों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता के लिए नियमित समीक्षा पर जोर दिया है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि गृह विभाग में सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा इन परियोजनाओं की साप्ताहिक और अपर मुख्य सचिव स्तर पर पाक्षिक समीक्षा की जाए। यही नहीं, कार्य की निगरानी की जिम्मेदारी संबंधित जनपद/ रेंज/ जोन के पुलिस अधिकारियों की भी होगी।

सीएम योगी ने एक महत्वपूर्ण बैठक में गृह विभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि 50 करोड़ रुपये से अधिक की सभी निर्माण परियोजनाओं का किसी तकनीकी संस्थान द्वारा थर्ड पार्टी मासिक अंकेक्षण कराया जाए और संबंधित संस्था द्वारा मौके पर जाकर स्थलीय सत्यापन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी रिपोर्ट तस्वीर के साथ जमा होनी चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने परियोजनाओं की गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा कि निर्माण से जुड़ी कार्यदायी संस्थाओं में विशेषज्ञ अभियंताओं का अभाव है। उन्होंने कहा कि उचित होगा कि सेवानिवृत्त अनुभवी अथवा प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों के दक्ष पेशेवरों की सेवाएं ली जाएं।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि कार्य प्रारंभ होने से पूर्व परियोजना की जो डिजाइन तय हुई है, उसमें किसी प्रकार का बदलाव कार्य प्रारंभ होने के बाद नहीं होना चाहिए। अपरिहार्य परिस्थितियों में शासन से अनुमोदन लिया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बहुमंजिला इमारतों में लिफ्ट अनिवार्य रूप से लगाई जाए और उसके सुचारु संचालन के लिए कोष बनाया जाए। उल्लेखनीय है कि संभल, हापुड़, चंदौली, औरैया, अमरोहा, शामली सहित आठ जिलों में अब तक स्थायी पुलिस लाइन नहीं हैं और इनका निर्माण कराया जा रहा है। इससे पुलिस बल को कामकाज में आसानी होगी।

 

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