मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कला-संस्कृति, साहित्य एवं खेल में विशिष्ट योगदान देने वाली प्रतिभाओं का सम्मान एवं पुरस्कार वितरण किया। राजभवन में आयोजित ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अंतर्गत अलंकरण समारोह में उन्होंने लक्ष्मण पुरस्कार, रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों के साथ-साथ अलग-अलग विधाओं (कला, संस्कृति, नाट्य) में सम्मान प्राप्त करने वाली विभूतियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।

योगी ने कहा कि यह भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पुरुषार्थ का परिणाम है कि हमारा स्वतंत्र भारत अपनी विशिष्ट विभूतियों को जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में कुछ नया करके दिखाया और भारत को दुनिया की एक नई ताकत के रूप में स्थापित करके उसके सामर्थ्य को देश और दुनिया के सामने रखा है, उन्हें सम्मानित कर पा रहा है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और योगी के समक्ष गुजरात के कलाकारों द्वारा पारंपरिक लोकनृत्य गरबा समेत अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी प्रस्तुतिकरण हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब यह देश गुलाम था तब हम लोगों को अपनी उन विभूतियों को सम्मानित करने की स्वतंत्रता नहीं थी। जब देश आजाद हुआ उस समय तक हमारे पास अपना संविधान नहीं था। अंतरिम सरकार थी, लेकिन आज ही के दिन 1950 में इस देश ने अपना संविधान लागू किया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में बनी संविधान निर्माण समिति ने देश के अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों को, आजादी के लड़ाई के संघर्षों को और अपनी आवश्यकता के अनुरूप हम एक संविधान का निर्माण कर सकें, इस दृष्टि से उन सबके महत्वपूर्ण अनुभवों और सुझावों को ध्यान में रखकर दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सुंदर संविधान हमें उपलब्ध कराया। भारत का संविधान समय की कसौटी पर हमेशा खरा उतरा है।उन्होंने कहा कि भारत के संविधान दिवस की ही परिणिति है कि स्वतंत्र भारत अपने अनुरूप नीतियां बना रहा है, अपने अनुरूप कार्यक्रम बना रहा है, अपने अनुरूप दुनिया के सामने अपनी शक्ति और सामर्थ्य को रख रहा है। उत्तर प्रदेश दिवस इन्हीं स्मृतियों को आगे बढ़ाने का दिवस है। 24 जनवरी से 26 जनवरी के बीच आयोजित होने वाले उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर हमें उन विभूतियों को सम्मानित करने का अवसर प्राप्त होता है। यह हमारे लिए गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि एक दिन पूर्व ही भारत सरकार ने प्रदेश की 12 विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया है। इसके लिए देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री का ह्दय से आभार व्यक्त करता हूं। उसमें भी पद्म पुरस्कार हमारे प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाइक को प्राप्त हुआ है।

योगी ने कहा कि आज यहां पर हम लोग प्रदेश की उन सभी विभूतियों को सम्मानित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्होंने खेल के क्षेत्र में, कला के क्षेत्र में, संस्कृति के क्षेत्र में अपना कुछ विशिष्ट योगदान दिया है। इसमें खेल से संबधित पुरस्कारों में पुरुष वर्ग में प्रदेश का सर्वोच्च पुरस्कार लक्ष्मण पुरस्कार तो महिला वर्ग में रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार दिया जाता है। सामान्य वर्ग में अखिल को शूटिंग, राज कुमार पाल को हॉकी के लिए लक्ष्मण पुरस्कार दिया गया है, जबकि किरन बाल्यान को एथलेटिक्स का रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार 2022-23 के लिए उपलब्ध कराया गया है।

इसी प्रकार से पैरा खेल सामान्य में अजीत सिंह पैराएथलेटिक्स को लक्ष्मण पुरस्कार और दिव्यांगजन सामान्य वर्ग में सिमरन (पैराएथलेटिक्स) और जैनब खातून (पैरापावरलिफ्टिंग) को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार प्रदान किया गया है। प्रदेश के इन सभी उत्कृष्ट खिलाड़ियों का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग के द्वारा कला जगत की विभूतियों को सम्मानित किया जाता है। इनमें डॉ मनीष कुमार जैन को जैन संस्कृति के संवर्धन का सम्मान प्रदान किया गया है। डॉ. शरणदास शास्त्री को संत कबीर अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। माया कुलश्रेष्ठ को बिरजू महाराज कत्थक सम्मान, प्रो मंजुला चतुर्वेदी, डॉ ईश्वर चंद्र गुप्त एवं डॉ सुनील विश्वकर्मा को बाबा योगेंद्र कला सम्मान से सम्मानित किया गया।

प्रो. मंगला कपूर तथा मानवेंद्र कुमार त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का आचार्य भरत मुनि सम्मान यहां प्रदान किया गया। श्रीराम चंद्र योगी को उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ का लोक संस्कृति पुरस्कार, कथारू को बिरसा मुंडा पुरस्कार, डॉ. उमा शंकर व्यास, प्रो. काशी, डॉ चंद्र कीर्ति को बौद्ध संस्थान लखनऊ का बौद्ध संस्कृति संवर्धन सम्मान, अतुल सत्य कौशिक, अतुल श्रीवास्तव, रोजी दुबे को भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ का भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान प्रदान किया गया है। इन सभी कलाकारों को जिन्होंने अलग-अलग विधा को अपनी प्रतिभा के माध्यम से अलंकृत किया है, उनका अभिनंदन करता हूं।

योगी ने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि नए भारत का नया उत्तर प्रदेश जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। राजभवन में भी आपको बहुत कुछ परिवर्तन देखने को मिला होगा। राजभवन का थीम सांग पहली बार आपने सुना होगा। राजभवन के ऐसे अनेक कार्यक्रम सुबह गणतंत्र दिवस की परेड में भी देखने को मिले हैं। भिक्षा से शिक्षा का एक नया अनुभव देखने को मिला है। जो बच्चे भिक्षावृत्ति में लिप्त थे,उन बच्चों को कैसे शिक्षा के साथ जोड़कर राष्ट्र की मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है ये आज उस झांकी में उन बच्चों के प्रदर्शन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था। उन्होंने कहा कि राजभवन केवल संविधान की व्यवस्था तक सीमित न रहे, बल्कि समाज के साथ जमीनी स्तर पर जुड़कर भी कार्य करेगा ये आज उत्तर प्रदेश राजभवन ने राज्यपाल के मार्गदर्शन में करके दिखाया है। आपने देखा होगा कि गणतंत्र दिवस की परेड में विभिन्न परेड के साथ-साथ राजभवन की परेड भी चल रही थी। यह सब यहीं के बच्चे हैं, यहीं पढ़ते हैं। एक रचनात्मकता का अभ्युदय कैसे होता है, आज उसका केंद्र बिंदु उत्तर प्रदेश का राजभवन बना है।

अलंकरण समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, खेल और युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजभवन सुधीर बोबड़े, अपर मुख्य सचिव खेल और युवा कल्याण आलोक कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन एुवं संस्कृति मुकेश मेश्राम और पुरस्कृत विभूतियां उपस्थित रहे।

 

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