प्रदेश में कांग्रेस की कुर्सी उलझती हुई नजर आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही दावा कर रहे हों लेकिन अभी से टिकट के दावेदारों ने सिरदर्द बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के बाद अब चौमूं विधानसभा टिकट के लिए जंग छिड़ गई है। एक तरफ चौमूं राजघराने से और ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष रुक्मिणी कुमारी हैं तो दूसरी तरफ पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी हैं। भगवान सहाय सैनी यहां से दो बार चुनाव हार चुके हैं।

कालाडेरा में हुए महंगाई कैंप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा में विवाद हो गया। यहां रुक्मिणी कुमारी ने भगवान सहाय सैनी को जमकर खरी खोटी सुनाई। यहां भी कहा दिया कि सैनी अपनी हरकतों से कांग्रेस को कमजोर कर रहे हैं। रुक्मिणी कुमारी ने कहा कि मैं सार्वजानिक रूप से आप से पूछती हूं कि आप ने ऐसा क्यों किया। विवाद बढ़ता देख भगवान सहाय सैनी मौके से रवाना हो गए।

दरअसल, मुख्यमंत्री की सभा में रुक्मिणी कुमारी की कुर्सी मंच पर नहीं लगाई गई थी। इसके पीछे सैनी का हाथ होने का आरोप है। इसके बाद रुक्मिणी कुमारी आम लोगों के बीच जाकर बैठ गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की निगाह पड़ी तो उन्होंने मंच पर बुला लिया। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद फिर रुक्मिणी कुमारी ने सैनी को जमकर खरी खोटी सुनाई।

सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस के सर्वे के बाद दो और तीन चुनाव हार रहे प्रत्याशियों को टिकट देने से मना कर दिया है। ऐसे में चौमूं से विधायक रहे सैनी की टिकट फंस गई है। वह नहीं चाहते कि विकल्प के रूप में कोई उभरे। वहीं दूसरी तरफ रुक्मिणी कुमारी दावेदार हैं। क्षेत्र में जबरदस्त रूप से सक्रिय भी हैं। अब यह विवाद चर्चा का विषय बन गया है।

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