केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने जलज पहल की समीक्षा की
नई दिल्ली, 30 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भारतीय वन्यजीव संस्थान की आजीविका-केंद्रित परियोजना जलज की प्रगति का आकलन करने के लिए एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के तत्वावधान में जलज कार्यक्रम सरकार के अर्थ गंगा विजन का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसका मकसद लोगों को स्थायी आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से नदियों से जोड़ना है। आजीविका पर ध्यान देने के साथ-साथ, इस परियोजना का उद्देश्य जलीय जैव विविधता संरक्षण के प्रति सामाजिक जागरूकता पैदा करना है।
इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि संरक्षण के साथ-साथ जलज का उद्देश्य आर्थिक अवसर पैदा करना और नदी कायाकल्प प्रयासों में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाना है। जलज ने गंगा बेसिन में इको-टूरिज्म, टिकाऊ खेती, कौशल विकास और कारीगर उत्पादन को बढ़ावा देकर नदी संरक्षण को आजीविका सृजन से सफलतापूर्वक जोड़ा है। इस पहल का उद्देश्य डॉल्फिन सफारी, होमस्टे, आजीविका केंद्र और जागरूकता और बिक्री केंद्र आदि जैसे विभिन्न मॉडलों के साथ 75 जलज केंद्र स्थापित करना है। जलज ने नौ राज्यों के 42 जिलों में 5,000 से अधिक नौका विहार समुदाय के सदस्यों को सशक्त बनाया है और 2,400 से अधिक महिलाओं का समर्थन किया है।
समीक्षा में यह सामने आया कि जलज का उद्देश्य नदी और समुदायों के बीच सहजीवी संबंध बनाना है और लोगों को संरक्षित गंगा नदी के मूल्यों के बारे में शिक्षित करने में मदद करना है। समीक्षा में पाया गया कि जलज ने यूट्यूब चैनल सहित डिजिटल और प्रिंट मीडिया के माध्यम से 263 प्रशिक्षण कार्यक्रम और जन संपर्क प्रयास आयोजित किए हैं। सीआर पाटिल ने जलज की आजीविका क्षमता को और बढ़ाने के प्रयासों की समीक्षा की और समुदायों को नदी पारिस्थितिकी प्रणालियों से जोड़ने वाले सेतु के रूप में इसकी भूमिका पर जोर दिया, जिससे नदी संरक्षण आर्थिक रूप से फायदेमंद प्रयास बन गया। उन्होंने जलज के तहत विकसित किए गए अभिनव मॉडलों की सराहना की और गोदावरी, पेरियार, पम्पा और बराक जैसी अन्य प्रमुख नदी घाटियों में सफल प्रथाओं को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिनके पारिस्थितिक आकलन की भी बैठक में समीक्षा की गई।
संपर्क और जागरूकता को और मजबूत करने के लिए सीआर पाटिल द्वारा एक समर्पित जलज सूचनात्मक वेबसाइट शुरू की गई। वेबसाइट एक व्यापक संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करती है, जो होमस्टे, डॉल्फिन सफारी, आजीविका प्रशिक्षण केंद्र और जागरूकता और बिक्री केंद्रों जैसे विभिन्न जलज मॉडलों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। वेबसाइट पर गंगा प्रहरियों द्वारा तैयार किए गए पर्यावरण अनुकूल उत्पादों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की गई है। इसका उद्देश्य खतरे में पड़ी जलीय जैव विविधता, जिसमें गंगा नदी डॉल्फिन, मगरमच्छ, मीठे पानी के कछुए और जलीय पक्षी शामिल हैं, उनके बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना है।
इसके अतिरिक्त, जलज उत्पाद सूची भी लॉन्च की गई है, जिसे जलज उत्पादन केंद्रों में तैयार किए गए स्थायी रूप से उत्पादित सामानों की रूपरेखा तैयार की गई है, जिन्हें स्टेशनरी आइटम, होम डेकोर, परिधान, बॉडी और स्किनकेयर और खाद्य पदार्थों में वर्गीकृत किया गया है। इसके अलावा जलज के तहत एक विशेष फीचर “सांस्कृतिक लहरें” भी सीआर पाटिल द्वारा जारी किया गया, जो गंगा नदी के सांस्कृतिक पारिस्थितिकी तंत्र सेवा मूल्य पर प्रकाश डालता है
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